*जिला में संचालित लोक सेवा गारंटी केंद्र में लोगों को भटकने की बन गई है मजबूरी/पढ़कर जानिए क्या है सच*
सीधी जिला मध्य प्रदेश

*जिला में संचालित लोक सेवा गारंटी केंद्र में लोगों को भटकने की बन गई है मजबूरी/पढ़कर जानिए क्या है सच*
निर्धारित से ज्यादा शुल्क वसूली में लगे कर्मी
वांछनीय नकल पाने भटकाने की बनी है मजबूरी

मध्य प्रदेश के अंतर्गत जिला सीधी। के जिले में संचालित लोक सेवा गारंटी केंद्र है केंद्रों में लोगों को वांछनीय दस्तावेज की नकल समय सीमा में ना मिलना अब आम बात हो चुकी है कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित लोक सेवा गारंटी केंद्र का आक्रोश खुलकर सामने आया ऐसे कई व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि निर्धारित से ज्यादा शुल्क देने के बाद भी नकल न मिलने को लेकर चक्कर काट रहे है
ऐसे लोगों का कहना था कि केंद्र में बैठने वाले कर्मचारी केवल सुविधा शुल्क की मांग करते हैं स्थिति आई है कि कंप्यूटर पर जो लोग काम कर रहे हैं उनके द्वारा सामान्य जानकारी के लिए भी पैसे खुलेआम मांगे जाते हैं यदि उन्हें सुविधा शुल्क न दिया जाए तो उनके द्वारा कोई जानकारी नहीं दी जाती थी उनकी नकल तैयार है या फिर नहीं कुछ लोगों का कहना था कि यहां आवेदन देने के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा निर्धारित से ज्यादा शुल्क जमा कर लिया गया इसके बाद भी नकल देने की बजाय लगातार की जा रही है यहां के कुछ कर्मचारी कहते हैं कि जहां से लगानी है वहां जाकर खर्चा दे दो जल्दी आ जाएगी ऐसे में लोक सेवा गारंटी केंद्र में आवेदन देने का कोई मतलब नहीं निकल रहा है
कई लोगों का आरोप था कि लोक सेवा गारंटी केंद्र सीधी की व्यवस्था काफी समय से पटरी से उतरी हुई है बड़े अधिकारियों के नाक के नीचे संचालित हो रहे केंद्र में खुलेआम रिश्वत मांगने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रहे हैं यह अवश्य है कि के जिन को नकल की तत्काल जरूरत है
वह मांगी गई राशि दे रहे हैं वहीं अधिवक्ताओं के माध्यम से भी जल नकल पाने के लिए अलग से राशि देनी पड़ रही है सबसे हैरत की बात यह है कि गई कि यहां बैठने वाले लोग पूरी तरह से मनमानी तरीके से काम करने के लिए आदि नजर आए वही लोक सेवा गारंटी केंद्र सीधी के संचालक स्वयं यहां बैठने की बजाए कर्मचारियों के माध्यम से कार्य का संचालन कर रहे हैं उनका पूरा समय रीवा में ही गुजर रहा है जिसके चलते यहां काम करने वाले लोग पूरी तरह से स्वेच्छाचारी बने हुए हैं
उनके लिए लोगों के कार्य की कोई अहमियत नहीं अब देखना यह है कि खबर चलने के बाद जिला का प्रशासन जाग रहा है या फिर इसी तरह लोगों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर रहा है
(पढ़िए सीधी जिला से ब्यूरो चीफ शिव शंकर पांडे की रिपोर्ट)




