*पानी के जहरीले होने से तालाब कि मछलियां तड़पने को मजबूर, मगरमच्छ भी उनको निगलने को तैयार, आखिर कैसे बचें मछलियां*
तहसील जैतहरी जिला अनुपपुर मध्य-प्रदेश

पानी के जहरीले होने से तालाब कि मछलियां तड़पने को मजबूर, मगरमच्छ भी उनको निगलने को तैयार, आखिर कैसे बचें मछलियां
जैतहरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्योंटार के पटौरा टोला में रोड हुवे जर्जर, आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं,आम नागरिकों को आवागमन में हो रही हैं परेशानियां
संभागीय ब्यूरो चीफ के साथ जैतहरी से ब्लॉक रिपोर्टर विकास सिंह राठौर कि खास रिर्पोट
अनूपपुर/जैतहरी
इंट्रो :- जिला अनूपपुर अंतर्गत जनपद पंचायत जैतहरी के कई ग्राम पंचायतों में देखा गया है कि इस बड़े से तालाब में बड़े मगरमच्छ तो पहले से थे ही अब इस तालाब के पानी का जहरीला होना बहुत बड़ी समस्या वाली बात हो गई है। अर्थात इस कहानी जैसी हालात अब जनपद और कई ग्राम पंचायतों की भी हो गई है। ऐसा ही सीधा मामला ग्राम पंचायत क्योंटार में भी देखा जा सकता है। अब ईश्वर ही जाने कि क्या होगा ग्रामीणों और पंचायत का।
अनूपपुर/जैतहरी
तहसील एवं जनपद पंचायत जैतहरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्योंटार के पटौरा टोला में इन दिनों सड़कों को देखने लायक है। शायद इतनी सुंदर और सजावटी सड़क कहीं और न हो। सूत्रों के अनुसार इस सड़क के रचयिता कोई और नहीं ग्राम पंचायत के अधिकारी और जनपद के अधिकारी हैं।
टूटता जा रहा सड़क संचार, जर्जर है सड़कों कि स्थिति
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा एक ही स्थान को दूसरे स्थान तक जोड़ने के लिए ही और स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को पारित कर गरीबों और नागरिकों को लाभान्वित करने को देश से शासन द्वारा योजनाओं को मुहैया कराई जा रही है परंतु इस ग्राम पंचायत में सड़क संचार और आवागमन अवरुद्ध होने की स्थिति पर है क्योंकि यहां के ग्रामों को जोड़ने वाले सभी रास्ते जर्जर हो चुके हैं।
सड़क पर चलने पर दुर्घटना है ईनाम
आपको बता दें कि इन सड़कों पर जो भी चलता है उसे जान हथेली में रखकर चलने की जरूरत है क्योंकि यदि कोई नौसिखिया या सीखे हुए व्यक्ति के द्वारा भी जरा सी भी लापरवाही हुई तो सीधे मौत को दावत या दुर्घटना को इनाम स्वरूप पाने वाली बात हो जाती है एक बार स्वच्छ और सुंदर या नए रोड पर बचने का चांस है लेकिन इस रोड पर इनाम में दुर्घटना के अलावा कुछ और नहीं मिलता।
बीमारी कि स्थिति में एम्बुलेंस भी आने में मजबूर
आपको बता दें यदि कोई व्यक्ति बीमार हो गया या कोई महिला गर्भवती हो गई तो यहां स्वास्थ्य विभाग की सुविधा आने में अवरुद्ध हो जाती है यदि वह कैसे जैसे आ भी गया तो ले जाने वाले मरीज को कैसे ले जाएंगे यह सोचने पर मजबूर हो जाता है क्योंकि इस हालत में चलने पर इन सड़कों द्वारा उन्हें विगत परिस्थिति में डालना ऐसी मजबूरी होने पर भारी विडंबना के साथ मरीज को परेशान होकर कड़ी मुश्किल के साथ स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा उनको स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है। उसके बाद गारंटी नहीं है कि उस मरीज की हालत इस रोड में चलने के बाद कैसी होगी।
इससे पूर्व ही सड़कों पर हुवे भ्रष्टाचार
आपको बता दें कि यहां जितनी भी सड़कें हैं उनमें इससे पूर्व भी भ्रष्टाचार हो चुके हैं कई सड़कें तो ऐसी हैं जिनमें कई शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और हो रही है तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए ग्राम पंचायत क्यों डर से रोहिला कछार जाने वाले मार्ग पर कार्यवाही होने पर रिकवरी की बातें भी सामने आई थी पर आज दिनांक तक इन सड़कों के बारे में किसी को पता ही नहीं चला कि आगे क्या होने वाला है। ग्राम पंचायत के मुखिया द्वारा बताया गया कि इन सड़कों की मरम्मत और कार्य इससे पूर्व सचिव और सरपंचों द्वारा कराया जा चुका है। परंतु वह सिर्फ कागजों पर ही निर्धारित सड़क हैं और ऊपर ही ऊपर सारी राशि गमन कर ली गई। अब भगवान ही जाने कि इन सड़कों पर मरम्मत कार्य कब और कैसे होगा।
कौन कराएगा इन सड़कों का कार्य
बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह और सवालिया निशान खड़ा करता यह सवाल कि इन सड़कों का निर्माण कार्य कब और कौन कराएगा क्योंकि राजस्व विभाग और वन विभाग की जमीन पर बने इन सड़कों पर ग्राम पंचायत कार्य कराती है या पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कार्य कराया जाता है यह बहुत बड़ा जिला प्रशासन के सामने खड़ा है। और उससे भी बड़ी बात यह है कि जिला अनूपपुर के विधायक एवं खाद नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह द्वारा उत्तम कार्यों और प्रगतिशील जिला बनाने की और चल रहे कार्यवाही में इन सड़कों पर क्या कार्यवाही होती है आगे देखना लाजिमी होगा?
हर जगह से रोक टोक तो कैसे चलेगी गाड़ी
इसका तात्पर्य है कि ग्राम पंचायत के अंदर जितने भी ग्राम हैं और टोला हैं उन तक पहुंचने के लिए कोई भी सड़क सही स्थिति पर नहीं है आपको बता दें कि से पूर्व चुनाव के समय पटवारी और पत्रकारों की मेहनत के बदौलत ग्राम पंचायत स्तर से कुछ सड़कों पर मुरूम जलाकर कार्य कराया गया था वह भी अब जर्जर की स्थिति में है अब तो पता ही नहीं चलता कि सड़क पर गड्ढे हैं कि गड्ढे पर सड़क?
हर जगह भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के कारण और आला अधिकारियों के संलिप्तता के कारण ग्राम पंचायत की दयनीय स्थिति देखने योग्य है यह बात बिल्कुल सत्य सिद्ध होती है कि एक तालाब में जहरीला पानी और दूसरी और मगरमच्छ तैयार हैं बीच में फंसे मछली रूपी ग्रामीणों नागरिकों का गुजारा कैसे हो प्रश्नचिन्ह उठना लाजिमी है????
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली असुविधा और शासन द्वारा दिए जाने वाले योजनाओं के लाभ से परेशानी के कारण ग्रामीणों में ग्राम पंचायत के अधिकारी और आला अधिकारियों के ऊपर भारी आक्रोश और एक उम्मीद खाद्य मंत्री सिंह जी के ऊपर है जो की आशा की एक किरण लेकर इनके जीवन में आए हैं क्योंकि इन सड़कों पर कई वर्षों से कार्य नहीं हो पाया जिस तरह से पानी बिन मछली तड़पती है उसी तरह से इन लोगों पर कार्य करने वाले ईमानदार अधिकारी और विभाग के लिए ग्राम वासियों और यह सड़क भी तड़प रहे हैं।
स्कूल और कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों को होती है भारी परेशानी
आपको बता दें कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को और कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों को भी इस सड़क से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी को पता है कि इन दिनों जैतहरी के लहरपुर में कॉलेज के खुल जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्राओं को सुविधा तो मिली है पर जंगल के रास्ते होते हुए जाने वाले इन सड़को पर जर्जर होने की स्थिति में उनके माता-पिता और स्वयं उनको इस जंगल और इस सड़कों से डर बना रहता है कि हम शिक्षा कैसे प्राप्त करें और संस्था तक कैसे जाएं।।