आदिवासी समाज ने नृत्य, गीत और बाजे-गाजे के साथ दिखाई अपनी सांस्कृतिक पहचान
तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

आदिवासी समाज ने नृत्य, गीत और बाजे-गाजे के साथ दिखाई अपनी सांस्कृतिक पहचान
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की सच्ची खबरें)
जनकपुर में धूमधाम से मनाया गया ‘मूल निवासी दिवस’
आदिवासी समाज ने नृत्य, गीत और बाजे-गाजे के साथ दिखाई अपनी सांस्कृतिक पहचान
एमसीबी भरतपुर विकासखंड अंतर्गत नगर पंचायत जनकपुर में आज ‘मूल निवासी दिवस’ का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक परिधान धारण कर, नृत्य और बाजे-गाजे के साथ अपनी संस्कृति और विरासत का शानदार प्रदर्शन करते नजर आए।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज की असली पहचान उनकी परंपराओं, जीवन शैली और सांस्कृतिक विरासत में निहित है। उन्होंने बताया कि हमारी मूल पहचान हमारी जीवन रूपरेखा, रीति-रिवाज और प्राकृतिक जीवन से जुड़ी है, जिसे हमें संजोकर आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना है।
इस मौके पर भरतपुर विकासखंड के विभिन्न ग्रामों से बड़ी संख्या में आदिवासी भाई-बहन एकत्र हुए और उत्साहपूर्वक ‘मूल निवासी दिवस’ को मनाया। कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया।
यह आयोजन आदिवासी समाज की एकता, गर्व और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक रहा।




