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*दो परिवार के लिए 2021 बना वरदान,कुछ लोगों के विरोध के बाद भी अपनाया परिवार*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

दो परिवार के लिए 2021 बना वरदान,कुछ लोगों के विरोध के बाद भी अपनाया परिवार

रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ

अनूपपुर / आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व एक परिवार में छः सदस्य हुआ करते थे पति पत्नी व उनके चार बच्चे,आपस मे किसी बात को लेकर एक भाई ने घर छोड़ने का फैसला किया।और कुछ दिनों बाद मौका देखकर वह घर से दूर अपनो को छोड़कर बाहर जीवन यापन करने की सोच कर कमाने के लिए निकल गये,घर छोड़ने के बाद कुछ दिनों तक इधर उधर भटकते रहे।

फिर एक अंजान शक्स ने उन्हे सहारा दिया और अपने पुत्र की तरह उसे अपने घर मे पनाह दी,सहारा मिलने के बाद यंही झीमर (भुकभूका) में रुकने का फैसला किया और कुछ दिनों तक इनके साथ रहने लगा।और उस शख्स ने फैसला लिया कि इन्होंने मुझे अपना बेटा माना है तो मैंने भी उन्हें पिता के रूप में स्वीकार कर लिया और हसदेव क्षेत्र के झीमर में रोड सेल में काम करने लगा,फिर कुछ दिनों तक चाय भी बेचा।

और जानकारी हुई कि चक्का उठाकर कॉलरी में भर्ती हो रही है,तो उसने भी वजन उठाया और उस बेघर की भी भर्ती हो गई। कुछ दिनों तक परिवार के सदस्यों द्वारा घर छोड़कर गए हुए अपने बेटे व भाइयों ने वापसी का इंतजार किया,अपने रिश्तेदारों में भी खोज बीन की गई किंतु कोई जानकारी नही मिली और आगे जीवन की राह में निकल पड़े उस अनाथ और बेघर व्यक्ति का नाम राजकुमार पनिका था।

आखिरकार परिवार को छोड़कर बच्चा गया कँहा और क्या कर रहा था –

कुछ दिनों बाद राजकुमार का विवाह हुआ और विवाह कर वैवाहिक जीवन व्यतीत करने लगा। और फिर उसकी पत्नी से उसे एक पुत्री व तीन पुत्र की प्राप्ति हुई,बाद मे धीरे धीरे कुछ समय बीतता गया और बच्चे बड़े हो गए।

कुछ समय बाद राजकुमार काफी बीमार रहने लगा और आये दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहने लगा। और अपनी मृत्यु से पहले अपनी पत्नी को अपने खानदान व घर छोड़ने की पूरी बात विस्तार पूर्वक जानकारी दिया और सभी बातों को गोपनीय ही रखने को कहा और काफी समय बीतने के बाद महिला ने सन 2019 में अपने पुत्रों को सारी बातें बताई। माँ की बातों को सुनकर बड़े पुत्र के आंखों में आंसू भर आया और उस गांव में जाकर पता लगाने लगे कि क्या यह घटना वास्तव में सही थी।

गांव के सरपंच ने की पुस्तैनी होने की पुष्टि-

आपको बताना चाहूंगा कि यंहा के सरपंच 1983 में ग्राम पंचायत के सरपंच की गद्दी सम्हाल रहे थे और वर्तमान में भी वह सरपंच है। और यंहा के लोगो को इन पर बहुत विश्वास है, मजे की बात तो यह है कि यह मामला भी ग्राम पंचायत भाद का है जंहा पनिका समाज के एक पुत्र स्वर्गीय रज्जू उर्फ राजकुमार पनिका की पुष्टि गांव के सरपंच के द्वारा किया गया। और बताया गया कि एक परिवार के तीन पुत्रो में एक पुत्र लगभग 50 वर्ष पूर्व किन्हीं कारणों से घर छोड़कर चला गया था।

यह व्यक्ति जिसका नाम राजकुमार पनिका था जो कि आज इस दुनिया मे नही है, किंतु परिवार के कुछ सदस्यों ने तो अपने बिछड़े हुए भाई के परिवार को स्वीकार कर लिया किंतु कुछ ने आपत्ति भी जताई।लगभग 2 साल बाद परिवार के सभी सदस्यों में से एक ने आज भी स्वीकार नही किया,बाकि सभी ने इस बात को स्वीकार कर अपना परिवार का सदस्य मान लिया कि यह हमारा ही परिवार है।और अपने भाई की मृत्यु से काफी दुखी थे किंतु इस बात से काफी खुश थे कि हमारा बिछड़ा हुआ खानदान आज कई सालों बाद मिल ही गया और हमारे साथ हैं।

ग्राम पंचायत भाद के लोगो से दिल से जोड़ा रिश्ता –

बिछड़े हुए परिवारों से मिलकर सभी की आंखे नम हो गई।बिछड़ा हुआ परिवार कोई और नही है बल्कि बृजलाल पनिका उर्फ राजवीर पनिका का परिवार है।

जो कि ग्राम पंचायत भाद को अपना पुस्तैनी भूमि मानते हुए वहा के लोगो को इकट्ठा करते चले गए और लगभग पूरा का पूरा गांव उनसे एक परिवार की तरह जुड़ गया।ऐसा ही एक मामला पूर्व में सामने आया था जहा राजनगर में एक सरदार का परिवार कई साल से बिछड़ने के बाद मिला और उस परिवार में खुशियां भर आईं। वर्ष 2021 इस परिवार के लिए वरदान साबित हो गया और कब के बिछड़े हुआ परिवार आज मिल बैठा है।

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