*ठेकेदार पर लगा रामघाट की सीढ़ियों को तोड़ने व वृक्षो को नष्ट करने का लगाया गया आरोप*
अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

ठेकेदार पर लगा रामघाट की सीढ़ियों को तोड़ने व वृक्षो को नष्ट करने का लगाया गया आरोप ?
संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/अमरकंटक : – मां नर्मदा की पवित्र पुण्य उद्गम स्थली अमरकंटक में इन दिनों मां नर्मदा नदी सहित आठ बांधों की गाद निकालने का काम चल रहा है इसके साथ ही पुष्कर बांध में रामघाट पर सीढ़ी निर्माण का भी काम बड़े जोर शोर के साथ चल रहा है । ठेकेदार ने सीढ़ी निर्माण के साथ एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है ? उन्होंने नगरपरिषद को बिना सूचना दिए रामघाट को तोड़ दिया है ? पास ही में बने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पौधारोपण स्थल को भी पूरी तरह समाप्त कर दिया है तथा अब उस स्थल पर एक भी पौधा जीवित नहीं बचा है ? घाट पर लगे टाइल्स,पेवर ब्लॉक, बैठने के स्थान,सभी को समाप्त कर दिया है।रामघाट में सीढ़ी निर्माण में भी लापरवाही बरती जा रही है।अत्यंत खराब क्वालिटी का सीमेंट उपयोग किया जा रहा है।टाइल्स भी भिन्न – भिन्न प्रकार के उपयोग में लिया जा रहा है।जिससे सीढ़ी देखने में सही नहीं दिखाई पड़ते । हमने संबंधित अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि जो सीढ़ी जल में डूबे रहेंगे उनमें लाल रंग के चौकोर टाइल्स लगेंगे और बाद में ऊपर की तरफ कोटा स्टोन पत्थर लगाए जाएंगे ? परंतु केवल निम्न गुणवक्ता के लाल टाइल्स लगाए जा रहे हैं।कुछ हो सप्ताह में सीढ़ी निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा। हमारे सूत्र बताते है कि रामघाट को क्षति पहुंचाने की बात जब नगर पालिका अधिकारी चैन सिंह परस्ते,अध्यक्ष प्रभा पनारिया,उपाध्यक्ष रामगोपाल द्विवेदी को मालूम हुई तो उन्होंने स्वयं वहां जाकर देखा कि रामघाट का अधिकांश हिस्सा टूट गया है,टाइल्स,पेवर ब्लॉक, बैठने के स्थान,पौधारोपण स्थल, समतल घाट आदि पूर्णतः क्षतिग्रत हो चुके हैं।इस पर उन्होंने अपने ऊपर के अधिकारियों के संज्ञान में बात पहुंचा दी है कि वे ठेकेदार से बात कर सुनिश्चित करें कि ठेकेदार द्वारा क्षति पहुंचाए हुए स्थानों को वह पहले की भांति ठीक करके देगा।शायद ऐसा लगता है कि ठेकेदार पहले गाद फिर सीढ़ी और अब घाट को पूरी तरह क्षति पहुंचाने पर आमादा है।इस पर संबंधित अधिकारियों को तुरंत संज्ञान में लेने की आवश्यकता है जिससे कि टूटे हुए घाट,टाइल्स एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा रोपित की गई वाटिका की पहले की भांति जीवित कर सके। अमरकंटक के घाट,मां नर्मदा का जल,अमरकंटक आने वाले श्रद्धालु भक्तजनों को को सुख शांति प्रदान कर सके।