वीरगंज (नेपाल) की ऐतिहासिक रथ यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब,(कैबिनेट-मंत्री) दर्जा प्राप्त श्री (रविकरण-साहू) बने मुख्य आकर्षण
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वीरगंज (नेपाल) की ऐतिहासिक रथ यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, (कैबिनेट-मंत्री) दर्जा प्राप्त श्री (रविकरण-साहू) बने मुख्य आकर्षण
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वीरगंज (नेपाल), 29 जून 2025।
नेपाल के प्रसिद्ध धार्मिक नगर वीरगंज में आयोजित माँ गहवामाई की भव्य रथ यात्रा ने इस वर्ष भी आस्था, परंपरा और भक्ति का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया।
हजारों नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में निकली यह रथ यात्रा भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक समरसता का जीवंत प्रतीक बनी।
इस ऐतिहासिक रथ यात्रा में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ नेता माननीय श्री रविकरण साहू मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। रथ पर आरूढ़ होकर उन्होंने माँ गहवामाई के दर्शन किए और श्रद्धालुओं के साथ नगर परिक्रमा में भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और भी भव्य बना दिया।
आस्था का ऐतिहासिक केंद्र – माँ गहवामाई मंदिर
वीरगंज स्थित माँ गहवामाई मंदिर नेपाल-भारत की सांस्कृतिक साझेदारी और जनमानस की श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है।
प्रतिवर्ष यहाँ अषाढ़ मास में विशाल रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जिसमें नेपाल के विभिन्न जिलों के साथ-साथ भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
जयकारों और भक्ति गीतों से गुंजा पूरा नगर
माँ गहवामाई के रथ की नगर परिक्रमा के दौरान “जय गहवामाई” के उद्घोष से पूरा वीरगंज गूंज उठा। श्रद्धालु नाचते-गाते, भजन-कीर्तन करते हुए माँ के रथ के पीछे चले। महिला मंडल, युवा समितियाँ, और साधु-संतों की टोली ने अपनी-अपनी भक्ति शैली से आयोजन को जीवंत बनाया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
श्री रविकरण साहू ने अपने उद्बोधन में कहा
माँ गहवामाई की कृपा से ही मुझे इस पावन अवसर पर रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं के बीच रहने का सौभाग्य मिला।
यह आयोजन भारत-नेपाल की साझा संस्कृति, धार्मिक भावनाओं और आपसी भाईचारे का सशक्त उदाहरण है।
उन्होंने नेपाल सरकार, आयोजन समिति और स्थानीय प्रशासन को धन्यवाद देते हुए
भविष्य में भी इस धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया।
सुरक्षा और व्यवस्था रही चाकचौबंद
इस मेगा आयोजन में स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाकचौबंद रखा। पूरे नगर को बिजली के लाइटों, धार्मिक ध्वजों और तोरण द्वारों से सजाया गया था। स्वास्थ्य, पेयजल और आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग स्टॉल भी लगाए गए थे।
भक्ति के रंग में रंगा भारत-नेपाल का जनमानस
यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि यह भारत और नेपाल के सांस्कृतिक, सामाजिक और आत्मीय रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करता है।
हर साल इस यात्रा में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या इस बात का प्रमाण है कि *माँ गहवामाई के प्रति लोगों की आस्था दिन-ब-दिन गहराती जा रही है।
(समापन संदेश)
वीरगंज की ऐतिहासिक रथ यात्रा एक बार फिर यह सिद्ध कर गई कि *जब श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, तब सीमाएं भी भक्ति के सामने छोटी पड़ जाती हैं।
माँ गहवामाई की कृपा सभी पर बनी रहे — यही कामना श्रद्धालु जनों ने की।