*जिला चिकित्सालय का कलेक्टर ने किया आकस्मिक निरीक्षण एनआरसी में भर्ती बच्चों के माताओं से मिल रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में ली जानकारी*
शहडोल जिला मध्य प्रदेश

जिला चिकित्सालय का कलेक्टर ने किया आकस्मिक निरीक्षण
एनआरसी में भर्ती बच्चों के माताओं से मिल रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में ली जानकारी
अस्पताल में साफ – सफाई एवं स्वच्छता का रखा जाए ध्यान – कलेक्टर
रिपोर्टर :- संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रभान सिंह राठौर
शहडोल/21 अक्टूबर 2021/
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट वंदना वैद्य ने गत दिवस जिला चिकित्सालय शहडोल का आकस्मिक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के सर्जिकल मेल वार्ड, सर्जिकल फीमेल वार्ड तथा एनआरसी कक्ष का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर ने मेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती शिवांशु वर्मा से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा जिला चिकित्सालय द्वारा मिल रही चिकित्सा सुविधाओं के संबंध में भी चर्चा की। इसी प्रकार कलेक्टर ने फीमेल सर्जिकल वार्ड में सुधा बैगा से उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। सुधा बैगा ने कलेक्टर को बताया कि जिला चिकित्सालय में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उन्हें मुहैया हो रही हैं तथा उनका स्वास्थ्य पहले से ज्यादा बेहतर है।
इस पर कलेक्टर में खुशी व्यक्त की।इस दौरान कलेक्टर ने चिकित्सकों को निर्देशित किया कि, मरीजो से बाहर से दवाएं न मगाई जाएं और भर्ती मरीजों को कलेक्टर ने समझाया कि, जिला चिकित्सालय में दवाइयो की कोई कमी नही है कोई भी मरीज बाहर से दवाई ना खरीदें।
इस दौरान कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के एनआरसी कक्ष में पहुंचकर वहां भर्ती बच्चों के संबंध में सिविल सर्जन से जानकारी प्राप्त की तथा एनआरसी में भर्ती बच्चों की मां भारती कोल, गायत्री बैगा, कुसुम आदि से उनके बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध में चर्चा की तथा एनआरसी में जो भी पोषक तत्व मुहैया कराए जा रहे हैं, उसकी भी विस्तार से जानकारी प्राप्त किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने कलेक्टर को अवगत कराया कि बच्चों को पोषण पोषण आहार साप्ताहिक मीनू के आधार पर दिया जाता है तथा बच्चों को एनआरसी में लगभग 14 दिनों तक रखा जाता है, जिससे उन्हें उनके शारीरिक क्षमता के अनुसार छुट्टी दी जाती है तथा बाद में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा उनका फॉलोअप भी किया जाता है।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के साफ-सफाई को और बेहतर बनाने के सिविल सर्जन को निर्देश दिए तथा उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में जहां भी लाइटिंग, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था नहीं है वह लाइटिंग की व्यवस्था कराएं जिससे भर्ती होने वाले मरीजों के परिजनों को समुचित सुविधाएं हो सके। कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि ड्यूटी डॉक्टर अपने समय पर चिकित्सालय आए तथा भर्ती मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं समय पर मुहैया कराएं।
निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मेहताब सिंह गुर्जर, सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमित तिवारी, जिला चिकित्सालय के डॉ. सुनील हथगेल सहित अन्य चिकित्सकीय अमला उपस्थित रहा।