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*विद्यालय की छत हुई जर्जर उच्च अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी नहीं कराया गया मरम्मत कार्य*

डोला जिला अनुपपुर मध्य-प्रदेश

विद्यालय की छत हुई जर्जर उच्च अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी नहीं कराया गया मरम्मत कार्य

संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि कलम से

अनूपपुर/डोला

कोतमा तहसील अंतर्गत लाखों की लागत से प्राथमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय भवन का निर्माण डोला में किया गया जो अब जर्जर की हालात में है साथ ही दीवारों में जगह – जगह बड़ी-बड़ी दरारें भी उभर आई हैं वही छत की प्लास्टर भी नीचे गिर रही हैं जहां जान जोखिम में डालकर नन्हे मुन्हे बच्चे जर्जर भवन में अध्ययन करने को विवश है साथ ही कई वर्षों से शिक्षक अपनी सेवाएं उसी जर्जर भवन में देने के लिए मजबूर हो चुके हैं लगता है इस वर्ष भी विद्यालय के मरम्मत कार्य ना होने के कारण शिक्षकों को उसी भवन के नीचे ही छात्र – छात्राओं को अध्ययन कराना होगा।

परिजनों द्वारा बच्चों को विद्यालय जाने से किया जा रहा मना साथ ही मांगी जा रही टीसी

परिजनों द्वारा बताया गया की अगर इस विद्यालय की कक्षाएंओ में पढ़ाई संचालित होती है तो निश्चित ही छात्र – छात्राओं के ऊपर खतरा बना रहेगा पूर्व में विद्यालय से घर आने पर बच्चों द्वारा बताया जाता था कि विद्यालय के छत के ऊपर से प्लास्टर गिरता है हम लोग स्कूल नहीं जाएंगे हमको डर लगता है जिस पर कई परिजनों द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक से मुलाकात कर भवन को देखते हुए बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा उच्च अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी दे दी गई है अब उनके ऊपर है कि विद्यालय का मरम्मत कार्य कब तक कराया जाएगा रही बात बच्चों की तो बच्चों को हम लोग अतिरिक्तकक्ष मे बिठाकर शिक्षा उपलब्ध कराएंगे।

जर्जर भवन होने के कारण अतिरिक्त कक्ष में लग रही थी कक्षाये

जर्जर होने की वजह से बारिश के मौसम में भवन से जगह-जगह पानी टपकता रहता है लाखों की लागत से भवन का निर्माण किया गया था जहाँ पर तत्कालीन विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते भवन के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को ताक में रखकर निर्माण कार्य कराया गया जिससे कुछ वर्षों में स्कूल की छत जर्जर होने लगी व बरसात के मौसम में पानी भरा होने के कारण छत की अंदर की परत भी गिरने लगी जिससे कि विद्यालय में निर्मित अतिरिक्त कक्ष में बच्चों को बिठाकर शिक्षा दी जा रही थी नगर परिषद डोला में निर्मित प्राथमिक विद्यालय डोला की छत जो विगत 4 वर्ष वर्ष से जर्जर हो चुकी है जिसकी जानकारी विद्यालय प्राचार्य द्वारा क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि के साथ ही संकुल प्राचार्य राजनगर,जनपद शिक्षा केन्द्र अनूपपुर,जिला शिक्षा अधिकारी के साथ ही विधायक व सांसद प्रतिनिधि को भी दी जा चुकी है लेकिन इन समस्त लोगों को जानकारी होने के बावजूद भी विद्यालय की छत के मरम्मत कार्य आज दिनों तक नहीं हो पाए।

क्या जर्जर भवन में ही संचालित होंगे विद्यालय?

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों के बाद प्राइमरी व माध्यमिक विद्यालय संचालित होने वाले हैं जिससे कि विद्यालय की छत के नीचे ही बच्चों को अध्ययन करना है फिर भी देश में फैली कोरोनावायरस के चलते लगभग 2 वर्ष तक विद्यालय संचालित ना हो सकी जिस पर जर्जर भवन के छत का मरम्मत कार्य कराया जा सकता था लेकिन वही जिला अधिकारी व सकूल प्राचार्य के उदासीनता के कारण विद्यालय के छत का मरम्मत कार्य ना कराया गया शासकीय प्राथमिक विद्यालय डोला के कई कमरों जो बच्चों के बैठने के लायक ही नहीं है कमरे की छत गिरने की ओर हैं साथ ही बरसात में छत के ऊपर पानी भराव होने के कारण कमरे की छत कई जगह से गिर रही हैं कई कमरों की राडे भी निकल गई हैं जिससे कि अगर बच्चों को विद्यालय के अंदर बैठा जाता है तो छत गिरने की भी संभावना है साथ ही बच्चों के सर पर खतरा बना रहेगा कब छत गिर जाए इसका अंदेशा नहीं लगाया जा सकता हैं।

वर्ष 2018 में विद्यालय प्राचार्य पत्र जारी कर उच्च अधिकारियों को दी गई थी जानकरी

विद्यालय प्राचार्य द्वारा 2018 में आवेदन बनाकर इनकी 1 प्रतियां ग्राम सरपंच सहित उच्च अधिकारियों भी भेजी गई लेकिन विद्यालय के मरम्मत के लिए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी या जनप्रतिनिधियों द्वारा आवाज नहीं उठाया गया साथ ही ग्राम पंचायत डोला को बीते दिनों नगर परिषद का दर्जा प्राप्त हुआ जिसके प्रभारी सीएमओ राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा को भी विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा 13/02/2021 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि प्राथमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय डोला जो पूरी तरह से जर्जर स्थिति में हो चुका है जिसकी मरम्मत कार्य कराया जाए लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा शिक्षा भवन की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

इनका कहना है

विद्यालय भवन की कई कक्षाएं वर्षों से जर्जर हो गई है साथ ही ऊपर के परत नीचे गिरने लगी हैं इसलिए कक्ष में बैठने से डर लगने लगा है।

स्नेहा पनिका
विद्यार्थी कक्षा 7

इनका कहना है

विद्यालय भवन की जर्जर कक्षाएं होने के कारण हम लोगों को अतिरिक्त कक्ष में बैठाकर अध्ययन कराया जा रहा था बच्चों के बैठने के लिए विद्यालय में अब सुरक्षित कक्षाएँ नहीं हैं।

अमन गुप्ता
विद्यार्थी कक्षा 7

इनका कहना है

विद्यालय के जर्जर हालात होने की जानकारी हमारे द्वारा पत्र के माध्यम से उच्च अधिकारियों के संज्ञान में देने के साथ ही वर्तमान सीएमओ प्रभारी के संज्ञान में भी दी गई है साथ ही नए भवन की मांग भी की गई थी।

पी एन त्यागी
प्रधानाध्यापक डोला

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