*जैतहरी में दिखा लॉकडाउन का असर,बाजारों में रहा सन्नाटे का माहौल शुक्रवार कि शाम 6:00 बजे से सोमवार कि सुबह 6:00 बजे तक संपूर्ण जिले में रहेगा करोना कर्फ्यू*
तहसील जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

जैतहरी में दिखा लॉकडाउन का असर,बाजारों में रहा सन्नाटे का माहौल
शुक्रवार कि शाम 6:00 बजे से सोमवार कि सुबह 6:00 बजे तक संपूर्ण जिले में रहेगा करोना कर्फ्यू
तो क्या सच में हो रहा है नियमों का पालन,क्या इस तरह से रोका जा सकता है करोना का रेस
(चंद्रभान सिंह राठौर कि कलम से)
अनूपपुर / जैतहरी
जिला अनूपपुर अंतर्गत तहसील,नगर पालिका एवं थाना क्षेत्र जैतहरी में आज शनिवार को बाजारों में दिन भर सन्नाटे का माहौल रहा। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर जिला अनूपपुर के द्वारा बीते दिन जारी किए गए आदेश अनुसार संपूर्ण जिले में शुक्रवार की शाम 6:00 बजे से सोमवार की सुबह 6:00 बजे तक करोना कर्फ्यू / लॉक डाउन रहेगा। इस दरमियान दी गई छूट के अनुरूप कुछ मेडिकल दुकान ही खुले नजर आए। साथ ही जो आपातकालीन सेवाएं हैं दूध और सब्जी वालों को होम डिलीवरी हेतु जो समय सीमा दी गई है उस समय – सीमा के अनुरूप जरूरी कार्य करने वालों और टैक्सी एवं ट्रेन से यात्रियों को ही सफर करने और आवागमन करने की छूट दी गई है।साथ ही मोजर बेयर पावर प्लांट और जिले अंतर्गत विभिन्न कंपनियों और कारखानों इत्यादि को कार्य करने हेतु गाइडलाइन के अनुसार छूट दी गई है।
बाजारों में रहा सन्नाटे का माहौल
जैतहरी के संपूर्ण बाजार में दिन भर सन्नाटे का माहौल छाया रहा तो वही दूसरी तरफ गाइड – लाइन के अनुसार समस्त शासकीय कार्यालय भी बंद नजर आए।
पुलिस द्वारा लगातार की जा रही निगरानी
थाना जैतहरी के पुलिस बल द्वारा लगातार बाजारों और मार्गों में भ्रमण कर निगरानी की जा रही है कि कोविड – 19 से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश और गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है या नहीं।साथ ही बाजारों पर भी भ्रमण कर सख्ती से आदेश का पालन कराने का कार्य भी किया जा रहा है साथ ही गाइड लाइन के अनुसार दुकानों के सामने गोले लगवाने और मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का ध्यान भी देकर समझाई दी जा रही है।
तहसील तिराहे समेत मुख्य मार्ग राठौर चौक में भी दिखा बंद का माहौल
मुख्य बाजार जैतहरी के दो किनारे आगे और पीछे बॉर्डर के रूप में स्थित मुख्य मार्ग पर स्थित राठौर चौक के नाम से प्रसिद्ध स्थान और बस स्टैंड के पास भी बंद का माहौल दिखा।साथ ही दूसरे छोर पर तहसील चौक और जनपद कार्यालय के आसपास और तहसील चौराहे के आसपास भी पूर्णता सन्नाटा का माहौल रहा।
करोना ने मचाया हाहाकार
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण और विस्फोट से संपूर्ण जिले में चिंता का विषय बना हुआ है, इसके विपरीत भी आम लोगों में जागरूकता का माहौल नहीं दिखा। कोविड-19 से जिले में लगातार एक के बाद एक मौत और संक्रमण के बढ़ते मरीजों ने पूरे जिले में हाहाकार मचा रखी है। फिर भी आम लोगों में अपना योगदान देना अभी तक जरूरी नहीं समझा। यदि ऐसा ही चलता रहा तो प्रशासन द्वारा इतनी शक्ति के बाद भी माहौल बहुत भयावह होने कि स्थिति बन सकती है और इसे नही रोका गया तो परिणाम बहुत बुरा सभी को देखना पड़ेगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि पिछले साल की तरह आम नागरिक अपना जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए प्रशासन का साथ देते हैं या फिर लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाते हुए और कोविड-19 को आमंत्रित करते हुए जिले में दूसरी तस्वीर प्रस्तुत करेंगे।
जिम्मेदारों कि है लापरवाही
आज संपूर्ण जिले में लॉक डाउन के बाद भी जो स्थितियां बन रही हैं इसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासनिक अमले और जिम्मेदारों की ही है क्योंकि संभाग शहडोल अंतर्गत जिला उमरिया और शहडोल में व्यापारियों और विभिन्न संघों द्वारा अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कार्य को स्थगित किया गया और लॉकडाउन की स्थिति बनाई गई साथ ही नागरिकों ने भी इसमें अपनी अहम भूमिका निभाई है।वहीं दूसरी तरफ जिला अनूपपुर में माहौल कुछ अलग ही है तस्वीरें कुछ और बयां करती नजर आ रही है इससे पहले व्यापारी संघ द्वारा लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए कलेक्टर कार्यालय पर जाकर ज्ञापन देने से लेकर जबरन बाजार खोलने और कुछ दिन पहले बीते दिन सोमवार को बाजारों में जिस तरह की स्थिति और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बाजारों पर लोगों की भीड़ उमड़ी उस स्थिति को देखकर जिले में आने वाला रिजल्ट और तस्वीर कुछ और ही उभर कर सामने आएगी ऐसा लगता है। जिले के जिम्मेदारों और प्रशासनिक अमले को संभाग के दूसरे छोर पर किए जा रहे शक्ति और आदेशों का पालन कराने से सीखना चाहिए और कुछ ऐसा ही अनूपपुर जिले में भी करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो बाद में हाथ मलने और पछताने के सिवा हाथ में कुछ भी नहीं आएगा। और उसके बाद उसी स्थिति को संभालना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।कुछ नागरिक और व्यापारी अपनी जिम्मेदारी समझना चाहते हैं तो कुछ चंद पैसों और अपने स्वार्थ के लिए पूरे समाज को परेशानियों में ढकेलना चाहते हैं और ग्रामीण क्षेत्र में सख्ती ना होने के कारण इस आग में घी और चिंगारी डालने का काम शिक्षा के अभाव में गग्रामीणों और मनमानी करने वाले व्यक्तियों और कुछ जिम्मेदारों और ग्रामीणों के द्वारा बखूबी किया जाता है। यदि ऐसा ही रहा तो उस समय बाद लॉकडाउन और शक्ति से पेश आने या ना आने का रिजल्ट बहुत ही गंभीर अवस्था में जिम्मेदारों को प्राप्त होने वाली है साथ ही इसका खामियाजा जिम्मेदार नागरिकों को भी भुगतना पड़ेगा।और पूरे समाज कोभी।
आखिर यह लापरवाही किसकी है?
प्रशासनिक अमले की या जिम्मेदारों की जो जिले की कमान संभाले बैठे हैं?
प्रश्नचिन्ह उठना लाजमी?
पिछले शाल कि तरह करना होगा काम
जिले के प्रशासनिक अमला और जिम्मेदारों को पिछले साल की तरह लॉक डाउन की स्थिति और शक्ति अपनानी होगी तभी कुछ हो पाएगा क्योंकि अभी जिस तरह से छूट दी गई है और जो भी नियम गाइडलाइन के अनुसार दी गई है उसे भी लोग नहीं मानना और जबरदस्ती करना जैसे काम करके पूरे समाज को खतरे की ओर मोड़ रहे हैं जिसे रोकने के लिए जिले के प्रशासनिक अमला और जिम्मेदारों को एक्शन मोड में आकर पूरी शक्ति से पालन कराना और नियमों में संशोधन करना होगा।




