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*लॉकडाउन में रेत माफियाओं को खुली छूट,प्रशासन बना मूकदर्शक आखिर किसके शय पर चल रहा रेत का काला कारोबार/पढ़े क्या है सच*

थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

लॉकडाउन में रेत माफियाओं को खुली छूट,प्रशासन बना मूकदर्शक

आखिर किसके शय पर चल रहा रेत का काला कारोबार

तो क्या प्रशासनिक अमला खाना पूर्ति के लिए करते हैं कार्यवाही या नागरिकों को करते हैं दिखावा

अनूपपुर / भालूमाड़ा

भालूमाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध रेत का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है,शासन – प्रशासन,खनिज विभाग,वन विभाग लाख सफाई दे कार्रवाई की बात करें लेकिन आज भी वर्षों से गिने चुने लोग अवैध रेत के कारोबार में निरंतर लगे हुए हैं उनके इस कारोबार पर आज तक प्रशासन ने उंगली तक नहीं उठाई इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो इन रेत कारोबारियों पर प्रशासन का पूरा सहयोग है और यही कारण है कि इनके कारोबार पर आज तक ना तो रुकावट आई और ना ही इन्हें कानून का भय है,
वर्तमान समय पर लॉक डाउन चल रहा है लेकिन लॉकडाउन होते हुए भी क्षेत्र के आठ से दस रेत कारोबारी नदियों से अवैध रूप से रेत का खनन परिवहन कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दार सागर गौशाला घाट के पास केवई नदी से देर रात से लेकर सुबह आठ से नौ बजे तक चार से पांच ट्रैक्टर मालिकों द्वारा नदी से अवैध रेत का खनन परिवहन किया जा रहा है,यहां पर रमेश ओपी नमक व्यक्ति के द्वारा निरंतर अवैध खनन करने की जानकारी निरंतर मिलती रही है।
वहीं थाना क्षेत्र के ही पौड़ी घाट, खरका टोला,चोलना सोन नदी घाट ,से भी निरंतर अवैध रेत का खनन परिवहन हो रहा है,जहां लगभग भालूमाड़ा, दार सागर, पोड़ी,चोलना, के 8 से 10 ट्रैक्टर वाहन द्वारा रेत का खनन परिवहन अवैध रूप से हो रहा है।

भालूमाडा थाना क्षेत्र में रेत का सबसे बड़ा भंडारण केवई नदी, और सोन नदी में है और यह दोनों ही नदियां इस पूरे जिले ही नहीं संभाग के लिए जीवनदायिनी है और जिस प्रकार से भालूमाड़ा के रेत माफियाओं द्वारा इन नदियों का सीना चीर कर रेत का अवैध खनन परिवहन किया जा रहा है उससे केवल रेत माफियाओं और जिम्मेदारों को भले ही आर्थिक लाभ हो रहा हो लेकिन सच यह भी है कि इन कारोबारियों के चलते जहां हमारी जीवनदायिनी नदियों का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है,पानी की धार कम होती जा रही है,अवैध परिवहन से नदियों के घाट जंगलों के रास्ते आवाजाही से पेड़ पौधों को नुकसान हो रहा है,वहीं सबसे बड़ी बात अनूपपुर जिले को करोड़ों रुपए की राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है।।

भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के एक भी वाहन का नहीं है खनिज परिवहन का पंजीयन

खनिज संपदा को परिवहन के लिए वाहनों का खनिज विभाग में पंजीयन आवश्यक होता है और सूत्रों की माने तो भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के किसी भी वाहन का पंजीयन,रेत परिवहन,मुरूम परिवहन गिट्टी परिवहन अन्य प्रकार के खनिज परिवहन का एक भी पंजीयन नहीं है तो फिर कैसे पूरे क्षेत्र में हजारों ट्रैक्टर रेत गिट्टी मुरूम आदि खनिज संपदा का परिवहन किस नियम के तहत कैसे हो रहा है क्या जिले के खनिज विभाग ने इस विषय पर विचार नहीं किया की बिना पंजीयन के यह वाहन कृषि कार्य को छोड़कर व्यवसायिक कार्य में कैसे लगे हैं क्या कभी पुलिस को नजर नहीं आया।

लॉकडाउन लगते ही नदियों में उतर गए वाहन

बीते दिन शुक्रवार 9 अप्रैल को सायं 6:00 बजे से जैसे ही लाक डाउन का समय चालू हुआ उसके बाद क्षेत्र के केवई नदी,सोन नदी,पौड़ी घाट,शिव लहरा घाट यहां तक कि गुड़ारु नदी दैखल अनेक स्थानों पर अवैध रेत कारोबारियों के ट्रैक्टर पहुंच गए ऐसा लगा मानो लॉक डाउन नहीं बल्कि अवैध रेत खनन की शासन ने अनुमति दे दी हो और सारी रात पूरे क्षेत्र में सड़कों पर ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी चलती रही लेकिन मजाल है कि किसी भी जिम्मेदार की नजर इन पर पड़ी हो शायद नियम तो आम आदमी के लिए है मास्क नहीं लगाया तो जुर्माना हेलमेट नहीं लगाया तो जुर्माना लॉक डाउन में घूम रहा तो जुर्माना।

दबंग बन चुके हैं क्षेत्र के रेत माफिया

15 -20 दिन पूर्व पसान रेत खदान से लगातार रात के समय अवैध रेत खनन की जानकारी होने पर अनूपपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कोतमा थाने के थाना प्रभारी आर.के.वैश्य को भालूमाड़ा पसान रेत खदान में कार्रवाई के लिए भेजा गया जहां पर रात लगभग 2:00 बजे तीन से चार ट्रैक्टर अवैध रूप से रेत का खनन कर रहे थे जिन्हें कोतमा पुलिस ने रोकना चाहा लेकिन यह सभी ट्रैक्टर वाहन पुलिस के सामने से निकल गए और पुलिस कुछ भी ना कर सकी।

संभागी ब्यूरो चीफ चंद्रभान सिंह राठौर की रिपोर्ट

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