ग्राम पंचायत डोंगरी टोला में मनरेगा के तहत घोटाले की गूंज गरीब मजदूरों को अब तक नहीं मिला मेहनताना
तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

ग्राम पंचायत डोंगरी टोला में मनरेगा के तहत घोटाले की गूंज गरीब मजदूरों को अब तक नहीं मिला मेहनताना
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला एमसीबी, भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरी टोला में मनरेगा योजना के तहत नाडेफ व सोखता गड्ढा निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था। योजना के तहत ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए मजदूरी का भुगतान होना था, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है।
ग्राम पंचायत द्वारा कार्य तो दिखा दिए गए,
लेकिन मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हो पाया। मजदूरों का आरोप है कि सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की लापरवाही और मिलीभगत के चलते गरीब परिवारों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
ग्राम पंचायत के कई मजदूरों ने इस मामले में सचिव से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें टाल दिया गया।
यहां तक कि ग्राम सभा में जब ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया तब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। निराश ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी, जिसके बाद मजबूरी में पंचायत की बैठक बुलाई गई।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि **15वें वित्त आयोग की राशि का भी दुरुपयोग हुआ है।
ग्राम वासियों की मांग है कि इस पूरे मामले का भौतिक सत्यापन कराया जाए, ताकि हकीकत सामने आ सके।
लेकिन समस्या यह है कि जांच करने वाले अधिकारी भी पंचायत पदाधिकारियों के साथ मिलकर खानापूर्ति कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी कागजों पर कार्य पूर्ण दिखा देते हैं, जबकि असलियत जमीन पर कुछ और ही है।
ग्राम पंचायत डोंगरी टोला के मजदूरों ने शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि जब तक पारदर्शी जांच नहीं होगी और दोषियों पर कार्यवाही नहीं होगी, तब तक गरीबों के हक की लड़ाई जारी रहेगी।
मुख्य सवाल यह है कि मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना, जो गरीबों की रोजी-रोटी का सहारा है, उसमें इस तरह का भ्रष्टाचार और लापरवाही कब तक जारी रहेगी?