जगन्नाथ मंदिर में करोड़ों का घोटाला! फर्जी हस्ताक्षर, मृत लोगों के नाम से समिति की बैठकें, जनता ने की नए प्रबंधन की मांग
कटनी जिला मध्य प्रदेश

जगन्नाथ मंदिर में करोड़ों का घोटाला! फर्जी हस्ताक्षर, मृत लोगों के नाम से समिति की बैठकें, जनता ने की नए प्रबंधन की मांग
(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)
मध्य प्रदेश जिला कटनी में जगन्नाथ चौक स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर एक बड़े गबन और धोखाधड़ी के मामले को लेकर सुर्खियों में है। मंदिर की प्रबंध समिति पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से मंदिर की संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। इस प्रकरण में नई जानकारी सामने आई है, जिसने मंदिर संचालन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामले को लेकर याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता आशीष कछवाहा का कहना है कि यह समिति कानूनी रूप से कभी ट्रस्ट रही ही नहीं। वर्ष 1992 में जिस समिति का पंजीयन हुआ था, उसका ऑडिट वर्ष 2024 में एक साथ पूरे 22 वर्षों के लिए करवा लिया गया, जो स्वयं में अनियमितता का प्रमाण है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस समिति के जिन 7 सदस्यों के नाम दस्तावेजों में दर्ज हैं, उनमें से 5 सदस्य वर्ष 2022 से पूर्व ही दिवंगत हो चुके थे।
इसके बावजूद इन सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर दिखाकर समिति की बैठकों के दस्तावेज तैयार किए गए, जो स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़े और कानून के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
करोड़ों रुपये के गबन की बात सामने आने के बाद भले ही थाना कोतवाली में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई हो, लेकिन पूरे मामले की जांच की रफ्तार बेहद धीमी है, जिससे यह मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।
स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं में इस विषय को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वर्तमान समिति को तत्काल भंग कर मंदिर का संरक्षण कलेक्टर के अधीन लिया जाए। साथ ही एक नई, ईमानदार और जवाबदेह प्रबंधन समिति का गठन कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।