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जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास मैदानी कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक की आयोजित

सतना जिला मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास मैदानी कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक की आयोजित

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

मध्य प्रदेश जिला सतना 20 मार्च 2025/कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एस ने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में कम प्रगति को देखते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों के मैदानी स्तर पर गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन और अपेक्षित प्रगति के लिए सेक्टर लेबल और क्लस्टर लेबल पर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास के मैदानी कर्मचारियों की नियमित रूप से संयुक्त बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर और एएनएम की पूर्ति के लिए रोटेसन पद्धति से डयूटी लगाकर चिकित्सा सेवायें मुहैया कराने के निर्देश दिये।

गुरूवार को स्वास्थ्य, महिला बाल विकास और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त बैठक लेकर कलेक्टर ने योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी, सिविल सर्जन मनोज शुक्ला, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय आरख, समस्त बीएमओ, बीपीएम, डीपीएम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह एवं समस्त परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने शिशु-मातृ मृत्यु दर और हेल्थ इडीकेटर्स की समीक्षा में कहा कि मेटरनल डेथ की नियमित रूप से प्रकरणवार समीक्षा की जाये और साथ ही सुधारात्मक उपाय भी किये जाये।

एएनसी रजिस्ट्रेशन के अनमोल पोर्टल और एचआईएमएस पोर्टल की डाटा एन्ट्री में समानता लाये।

कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल सतना में आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं में चिकित्सा अधिकारी की कमी की पूर्ति के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारियों की रोटेशन वाईज प्लान बनाकर अगली टीएल बैठक में सीएमएचओ/सीएस प्रस्तुत करेंगे।

विकासखण्ड मझगवां द्वारा अवगत कराया गया कि उनके विकासखण्ड में 17 उप स्वास्थ्य केन्द्र रिक्त है

जिसमें कलेक्टर द्वारा संविदा ए.एन.एम. के युक्तियुक्तकरण की योजना जिला स्वास्थ्य समिति से अनुमोदित कराने हेतु निर्देशित किया।

स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत संचालित स्वास्थ्य योजनाओं में कम प्रगति के संबंध में कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया

विकासखण्ड स्तर पर प्रत्येक माह दोनों विभाग के जिला अधिकारियों द्वारा मैदानी कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठकें आयोजित करें

तथा सेक्टर/क्लस्टर लेवल पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी प्रत्येक माह शनिवार को विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं की कार्यकर्तावार लक्ष्य उपलब्धि की समीक्षा कर आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही कराये।

स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं को प्रदान किये गये बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर, हीमोग्लोबीन जॉच मशीन, वजन मशीन एवं अन्य उपकरण कियाशील स्थिति में हो यह स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करेगा। इस संबंध में बीएमओ को आवश्यक निर्देश जारी किये जाये।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में पंजीकृत समस्त गर्भवती महिलाओं का चेकअप कराने के लिए निर्देशित किया।

जिसमें उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सीएचओ द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों द्वारा प्रत्येक माह की 9 एवं 25 तारीख को किया जायेगा।

जिसमें चिन्हित उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा जाँच के लिए भेजा जावेगा।

यह भी सुनिश्चित किया जाये कि तृतीय त्रैमास की समस्त उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं का ए.एन.सी. चेकअप स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल अस्पताल/जिला अस्पताल में अनिवार्यतः किया जावे।

मातृ मृत्यु की समीक्षा में जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने एवं त्वरित उपचार में विलंब नही हो ऐसा जिला अस्पताल से लेकर सभी स्तर पर सुनिश्चित किया जावे।

ईलाज के अभाव/देरी के कारण मातृ मृत्यु नही होनी चाहिये।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निरोगी काया अभियान अन्तर्गत छुटे हुये 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हितग्राहियों की उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर संबंधी स्क्रीनिंग व रीस्क्रीनिंग का बैकलाग 31 मार्च 2025 तक पूर्ण करने के लिए कहा गया एवं खराब प्रदर्शन वाले सीएचओ का मानदेय काटने का प्रस्ताव जिले में भेजने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में ए.एन.सी पंजीयन हाई रिस्क चिन्हांकन एवं प्रबंधन, मातृ मृत्यु शिशु मृत्यु एनआरसी, एसएनसीयू, क्वालिटी, एचडब्ल्यूसी, टीकाकरण, एचबीएनसी, एचबीवाईसी निरोगी काया अभियान, आयुष्मान भारत, मलेरिया, क्षय रोग, कुष्ठ, आईडीएसपी कार्यक्रम की समीक्षा भी की गई।

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