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जिला कलेक्टर ने ज्वलंत विषयों को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के साथ की बैठक

जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर ने ज्वलंत विषयों को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के साथ की बैठक

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

मध्य प्रदेश जिला जबलपुर कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना और उप सचिव जनसंपर्क श्री कैलाश बुंदेला ने आज सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर की बैठक लेकर निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूलने यूनिफार्म व शैक्षणिक सामग्री दुकान विशेष से ही क्रय करने के लिये बाध्य करने के संबंध में की गई कार्यवाहियों से अवगत कराया।

कलेक्टर श्री सक्सेना ने बताया कि इस मामले पर 11 स्कूलों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराये जिसमें 80 आरोपियों में 20 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

निजी स्कूलों की मनमानी के संबंध में लगातार अभिभावकों द्वारा आ रही शिकायत तथा 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री के ट्वीट व स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश में यह कार्यवाही की गई।

चूंकि अभिभावक को अपनी बात रखने के लिये कलेक्टर के अलावा और कोई उचित फोरम नहीं मिल पा रहा था। जिससे कि उनकी बात सुनी जा सके।

कलेक्टर ने शिकायत वाले विभिन्न स्कूलों में जांच दल भेजा जहां पहले जिला शिक्षा अधिकारी को भी स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल पाती थी वहां

कलेक्टर ने जांच दल को सशक्त कर शिकायतों की जांच कराई।

स्कूल संचालकों व अभिभावकों के साथ शिकायतों की खुली सुनवाई भी की गई।

जिसमें स्कूल प्रबंधन ने शिकायतों को दूर करने के निर्देश दिये गये किन्तु स्कूल प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

कलेक्टर ने जांच के आधार पर अनुचित फीस वृद्घि व विक्रेता विशेष से मनमाने दाम पर पुस्तक स्टेशनरी व यूनिफार्म क्रय करने के हथकंडे का पर्दाफाश किया।

कमीशनखोरी के इस षडयंत्र में अनावश्यक पुस्तकों के अतिरिक्त भार, फर्जी व डुप्लीकेट पुस्तकें आदि से सात लाख विद्यार्थियों से 240 करोड़ रूपये की आवैधानिक फीस वसूलने पर यह कार्यवाही की।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मनमानी फीस वसूलने के संबंध में पालकों को जागरूक करायें, छात्र और अभिभावक स्कूल मैनेजमेंट से सवाल करें कि क्या आपने आडिट रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की है

आपकी वार्षिक प्राप्तियों का आधिक्य कुल प्राप्तियों के 15% से कम है,

क्या आपने औचित्य सहित फ़ीस वृद्धि की सूचना सत्र प्रारंभ होने के 90 दिवस की अवधि में दे दी है, क्या आपने 10% से अधिक फ़ीस वृद्धि के लिये सक्षम स्वीकृति ज़िला कलेक्टर या राज्य शासन से प्राप्त कर ली है,

यदि नहीं तो किस हक़ से हमारी जेब हल्की कर रहे हो, 25 जनवरी 2018 से राज्य शासन ने फ़ीस वृद्धि के पैमाने तय कर दिये है,

अपने हक के लिये सवाल करें किसी को भी अपनी गाड़ी कमाई पर डाका डालने का मौक़ा न दें। उन्होंने कहा कि संबंधित स्कूल तय समय सीमा में अवैध रूप से वसूली गई

फीस अभिभावकों को वापस करें अन्यथा जिला प्रशासन इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही करेगा।

इसके साथ शहर की बेहतरी तथा जनहित के लिये अच्छे प्रयोग करने पर जोर दिया।

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