बैकुंठपुर वन विभाग के द्वारा चारपारा पंचायत से नाग एवं सांप का रेस्क्यू जंगल में छोड़ा गया सुरक्षित
कोरिया जिला छत्तीसगढ़

बैकुंठपुर वन विभाग के द्वारा चारपारा पंचायत से नाग एवं सांप का रेस्क्यू जंगल में छोड़ा गया सुरक्षित
राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की
पढ़िए सरगुजा संभागीय ब्यूरो चीफ सुरेश कुमार साहू की खास ख़बर,,,,,,,,✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
राज्य छत्तीसगढ़
जिला कोरिया बैकुंठपुर के चारपारा गांव के तालाब से नाग और नागिन के जोड़े सुरक्षा के नजरिए से आज रेस्क्यू किया गया. नाग के जोड़े को रेस्क्यू कर खड़गवां के बंजारीडांड़ जंगल में छोड़ा गया है
इस दौरान लोगों को समझाइश देने के लिए तहसीलदार और एएसपी भी चारपारा गांव में मौजूद रहे
कोरिया : बैकुंठपुर के चारपारा गांव के तालाब में मौजूद नाग और नागिन के जोड़े को दूध पिलाने के लिए ग्रामीणों में होड़ मची हुई थी
सुरक्षा के नजरिए से सांप का रेस्क्यू करने का फैसला लिया गया और रेस्क्यू टीम को चारपारा गांव भेजा गया
लेकिन गांववालों ने वन विभाग की रेस्क्यू टीम को नाग का रेस्क्यू करने से रोक दिया.
अधिकारियों ने ग्रामीणों को दी समझाइश : ग्रामीणों के रेस्क्यू न करने देने की सूचना पर प्रशासन हरकत में आया और मौके पर तहसीलदार व राजस्व अमले को भेजा
एडिशनल एसपी मोनिका ठाकुर व पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची पहुंची और लोगों को समझाइश देकर कर नाग का रेस्क्यू करवाया
तहसीलदार ने तालाब से लोगो को बाहर निकाला, उसके बाद चिरमिरी से सांप पकड़ने वाले अंकित ने तालाब से नाग को पकड़ा और उसे पीले रंग के बैग में भरकर ले गया.
नाग सांप का किया गया रेस्क्यू: नाग को तालाब से ले जाने को लेकर ग्रामीणों में काफी गुस्सा देखा गया
ग्रामीणो ने कहा कि वो अब कोई हादसा नहीं होने देंगे वहीं महिलाएं तो विरोध पर उतर आई. जिस पर तहसीलदार ने समझाइश दी कि सांप को लोगों ने मनोरंजन का साधन बना रखा है
ऐसे में किसी को मौत होगी तो कौन जिम्मेदार होगा. किसी की जान की कीमत पर उसे यहां नहीं रखा जा सकता.
जिसके बाद नाग का रेस्क्यू करवाया गया
वन विभाग की टीम ने उसे खड़गवां के बंजारीडांड़ जंगल मे ले जाकर छोड़ा जा रहा है.
नाग नागिन पर क्यों मचा बवाल?
बैकुंठपुर से 10 किलोमीटर दूरी पर चारपारा गांव है
इस गांव का तालाब इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ था, क्योंकि इस तालाब में नाग और नागिन के जोड़े देखे गए
जब ग्रामीणों ने नाग के जोड़ों को तालाब में देखा, तो इसे दैवीय चमत्कार मानने लगे.
ग्रामीणों में नाग को दूध पिलाने के लिए होड़ मच गई. ये बात पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैली. लोग हाथों में दूध की कटोरी लिए
तालाब किनारे लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतेजार करने में लगे रहे हैं।,,,,,,✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️