थाना जनकपुर पुलिस ने अंधी हत्या का 20 घंटों के अंदर किया खुलासा एवं दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पहुंचाया सलाखों के पीछे
जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

थाना जनकपुर पुलिस ने अंधी हत्या का 20 घंटों के अंदर किया खुलासा एवं दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पहुंचाया सलाखों के पीछे
(पढिए सरगुजा संभागीय ब्यूरो चीफ सुरेश साहू की खास खबर)
आज दिनांक 12/3/2024
छत्तीसगढ़ जिला मनेद्रगढ़ के अंतर्गत थाना जनकपुर पुलिस ने अंधी हत्या का 20 घंटों के अंदर किया खुलासा एवं दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पहुंचाया सलाखों के पीछे
जनकपुर पुलिस ने 20 घंटे के अंदर ही अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई, दो आरोपियों को लिया हिरासत में….
राजधानी एक्सप्रेस न्यूज हलचल आज की
आरोपी – राजबहादुर सिंह छोटा पिता भैया लाल सिंह उम्र 34 वर्ष, सुखदेव सिंह उर्फ सरपंच सुभाउ सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम पंचायत बरहोरी के गर्दनचुआ के है।,,,,,,,,,🖋️🖋️🖋️🖋️🖋️🖋️
छत्तीसगढ़ जिला एमसीबी के अंतर्गत थाना क्षेत्र जनकपुर का मामला जहां 10 मार्च की रात मंडप कार्यक्रम में शामिल होने गए अशोक चौधरी की अज्ञात लोगों ने कत्ल कर दिया था।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 मार्च को सूचना मिली कि किसी व्यक्ति की लाश बरहोरी मैं अर्धनग्न अवस्था में पड़ी है।
जहां मृत्यु के चाचा रामराज चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज कराया की मेरा भतीजा अशोक चौधरी दिनांक 10 मार्च को केशव प्रसाद यादव उर्फ बबलू के यहां मड़वा लेकर गया था।
मोटरसाइकिल से तीन आदमी के साथ निकाला था और सुबह 11 मार्च को सुबह 7:00 राज बहादुर सिंह ने रामराज चौधरी को बताया कि अशोक का शव अर्धनग्न अवस्था में सरइ के पेड़ के नीचे पड़ा है।
जब रामराज चौधरी वहां जाकर देखा तो अशोक चौधरी का शव अर्धनग्न अवस्था में चोट खरोच के निशान लगा हुआ है
खून निकलता हुआ और गले में बेल्ट कसा हुआ तथा मल द्वार में लकड़ी की टहनी डाले हुए हालात में सरइ के पेड़ के नीचे पड़ा है।
किसी के द्वारा मारपीट कर हत्या करने से मौत हुई है सूचना पर बिना नंबरी मार्ग एवं बिना नंबरी अपराध की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच करवाई की गई।
सूचक गवाह वारिस के साथ घटनास्थल निरीक्षण, शव निरीक्षण पर अज्ञात आरोपी द्वारा कत्ल किया गया।
अंधा कत्ल होने की वजह से गांव में ही कैंप लगाया गया और लगभग 45 लोगों से पूछताछ करने के बाद चश्मदीद गवाह सुरेश बैगा, बैसाखू कटकू और उमेश सिंह से पूछताछ कर संदेही राज बहादुर एवं सुखदेव सिंह का पता चला।
ध्यान रहे की राजबहादुर ही सूचक को सब से पहले अशोक चौधरी के 100 के बारे में बताया था तथा पंचनामा का गवाह भी बना था
जिनको हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ करने के बाद अंततः राजबहादुर सिंह टूट गया और अपना जुर्म कबूल करना स्वीकार किया।







