एक मां १०० शिक्षको के बराबर होती है – मुनि श्री विरंजन सागर जन्माभिषेक के लिए आदिकुमार को सुमेरू पर्वत ले गये सौधर्म इन्द्र सादपुर में पंचकल्याणक की धूम
दमोह जिला मध्य प्रदेश

एक मां १०० शिक्षको के बराबर होती है – मुनि श्री विरंजन सागर जन्माभिषेक के लिए आदिकुमार को सुमेरू पर्वत ले गये सौधर्म इन्द्र सादपुर में पंचकल्याणक की धूम
(पढिए जिला दमोह ब्यूरो चीफ गजेंद्र साहू की खास खबर)
मध्य प्रदेश जिला दमोह तहसील हटा सादपुर में चल रहे पंचकल्याणक महा महोत्सेव में जब इस वसुन्धरा पर भगवान अवतरित होते है, तो स्वर्ग में देवराज इन्द्र का सिंहासन भी कम्पित हो जाता है,
शुभ लग्न मुहूर्त के साथ भगवान श्री आदि प्रभु का स्वर्ग से अवतरित माता मरूदेवी के गर्भ में आये और जन्म हुआ, जिससे तीनों लोग में सुख शांति हुई, वही इन्द्र को अवध ज्ञान से प्रभु के अवतार की जानकारी होती है तो सौधर्म इन्द्री परिवार कुबेर इन्द्र के साथ ऐरावत हाथी पर सवार होकर अयोध्या नगरी पहुंचते है,
शचि इन्द्राणी शिशु प्रभु को प्रसूति कक्ष से निकालकर सौधर्म इन्द्र् को प्रदान करती है, सौधर्म इन्द्र शिशु प्रभु को ऐरावत हाथी पर सवार होकर सुमेरू पर्वत ले जाता है
जहां प्रभु का जन्माभिषेक किया जाता है,
जन्माभिषेक शोभायात्रा सादपुर गांव जो अयोध्या नगरी बना हुआ वहां भ्रमण करती है, ढोल बाजों के साथ बडी संख्या में इन्द्र इन्द्राणी नत्य करते हुए सुमेरू पर्वत पहुंचते है,
कुबेर इन्द्र द्वारा रत्नों की वर्षा करता है, गांव में मिष्ठान का वितरण भी होता है,
इस अवसर पर उपाध्यााय मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज ने अपनी मंगल देशना में कहा कि जन्म तो सभी लेते है
जन्म उनका ही सार्थक होता है जो अपनी जीवन प्रभु चरणों में लगा दे, प्रभु भक्ति ही जीवन को सफल बनाती है, एक अच्छी मां शिशु को जन्म देने के साथ ही उसे अच्छे संस्कार भी देती है,
एक मां १०० शिक्षकों के बराबर शिक्षा प्रदान करती है,
पंचकल्याणक महोत्सव में दूर दूर से श्रद्धालु सादपुर पहुंच रहे है,
सुबह नित्य अभिषेक पूजन के साथ ही धार्मिक आयोजन प्रारंभ हो जाते है, ०२ फरवरी को सादपुर गांव में पहली बार गजरथ फेरी निकाली जायेगी, आयोजन समिति ने सभी से इस कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है