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*गंदगी और नालियों के बज-बजाहट के बीच जीवन यापन कर रही बनगंवा की जनता*

अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

गंदगी और नालियों के बज-बजाहट के बीच जीवन यापन कर रही बनगंवा की जनता

रिपोर्टर – मध्यप्रदेश हेड के साथ विकास सिंह राठौर

अनूपपुर/अनूपपुर जिले के बंगनवा नगर परिषद में भ्रष्टाचारियों के आतंक से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जब से नगर परिषद में नए परिषद का गठन हुआ है तब से बंगनवा नगर परिषद में अवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। मध्य प्रदेश मे भाजपा सरकार के द्वारा बीते दिनों पूरे प्रदेश में विकास यात्रा निकाली गई और विकास यात्रा में उचित स्थान के कर्मचारियों को इस यात्रा की जिम्मेदारी दी गई क्योंकि

वह अधिकारी जनता को भाजपा सरकार के विकास के की समस्त जानकारी दे सकें। लेकिन अनूपपुर जिले की नवगठित नगर परिषद बनगवां जो लगातार भ्रष्टाचार में पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रही है या यूं कहें कि नगर परिषद बनगवां में जनता का विकास हुआ हो या ना हुआ हो लेकिन उनके अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का विकास जरूर हुआ है। जिसका जीता जागता उदाहरण राजनगर में जगह-जगह स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान नगर परिषद के द्वारा किया जा रहा है और यहां की स्वच्छता केवल कागजों में ही देखी जाती है जबकि यहां की हकीकत कुछ और ही है।

नगर परिषद में लगा गंदगी का अंबार बीमारियों से ग्रसित हो रही जनता

सूत्र बताते हैं कि नगर परिषद अंतर्गत नगर में जगह – जगह खुलेआम जगह – जगह गंदगी का अंबार सा लगा है। या यू कहे की जगह – जगह कचरे के डस्टविन टूटी देखी जा सकती हैं। नगर में जगह-जगह नालिया भी बजबजा रही है और साथ ही गंदे पानी का जमाव भी देखा जा सकता है।

वही नगर परिषद बनगवां के वार्ड नंबर 1 से लेकर 15 तक के अधिकांश वार्डो मे नालियां बज बजा रही है तो कहीं नालीयों का गंदा पानी सड़क में बहते देखा जा सकता है जबकि नगर परिषद बनगवा के द्वारा राजनगर जोड़ा तालाब के बगल खुले में नगर परिषद के द्वारा नगर से निकलने वाला कचरा भी डंप कराया गया है। जोकि नियम के विपरीत है। नगर से दूर डंपिंग यार्ड की जगह नगर परिषद को बनाए जाने थी । लेकिन तानाशाही रवैया ने नगर के आम जनमानस को गंदगी के दंश झेलने को मजबूर कर दिया है।

इसी तरह का जीता जागता उदाहरण भगत सिंह चौक के जोड़ा तालाब के बगल में नगर परिषद के द्वारा खुले में कचरा डंप से ही देखा जा सकता है जिसको साफ करने के लिए लाखों के जेसीबी और ट्रैक्टर का बिल पास होता है इस कचरे को खाकर जानवर भी बीमार होते हैं और आम जनता का निकलना भी दूभर है जबकि नगर परिषद के द्वारा कचरा डंप के लिए अपना कंपोस्टिंग कचरा यार्ड बनाया गया है लेकिन वहां कचरा स्टोर ना कर राजनगर के मेन रोड में कचरा डंप कराया जा रहा है को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े होते रहे हैं।

इसके बाबजूद परिषद ने कोई भी कार्यवाही नहीं कर रही है इसी कारण खतरनाक बीमारियों का खतरा बना रहता है। भारत सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर स्वच्छता के लिए वर्षों से प्रयास कर रही है पर नवगठित नगर परिषद ने मोदी के सपने को भी दरकिनार कर पूंजी कमाने में लगी हुई है।

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