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*जिला कलेक्टर ने कहा अतिवृष्टि,बाढ़ में राहत तथा बचाव संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण करें अधिकारी*

सतना जिला मध्य प्रदेश

*जिला कलेक्टर ने कहा अतिवृष्टि,बाढ़ में राहत तथा बचाव संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण करें अधिकारी*

(पढ़िए मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)

आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ नियंत्रण संबंधी बैठक।
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सतना 02 जून 2022/कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने जिले में आगामी वर्षा काल में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से उत्पन्न स्थितियों में राहत और बचाव संबंधी सभी तैयारियां 15 जून के पूर्व तक सुनिश्चित कर लेने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ राहत एवं बचाव संबंधी तैयारियों की बैठक में समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों एवं निचले स्थानों के संभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव की पूरी तैयारी रखें। बैठक में डिप्टी कलेक्टर सुरेश जादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, जिला कमांडेंट होमगार्ड आईके उपनारे, डीएसपी ख्याति मिश्रा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण मनोज द्विवेदी, जल संसाधन आरएस नट, पीएचई रावेन्द्र सिंह, सहायक श्रम आयुक्त श्री पटेरिया, अधीक्षक भू-अभिलेख राज नारायण पांडेय एवं जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह भी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री वर्मा ने बताया कि मौसम विभाग की फोरकास्ट के अनुसार इस वर्षा काल में अच्छी वर्षा की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिले में बाढ़ से प्रभावित होने वाला कोई विशेष क्षेत्र चिन्हित नहीं है। फिर भी नदी-नालों के किनारे बसी आबादी, शहर के निचले इलाके एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जमाव से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों की पहचान कर राहत एवं बचाव के पुख्ता प्रबंध रखें। उन्होंने कहा कि सभी जनपद पंचायत के सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ से जल-जमाव से प्रभावित होने वाले इलाकों की सूची मंगाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कहां शिफ्ट किया जाएगा, उन स्कूल, पंचायत अन्य भवनों की सूची भी मंगाए। लोक निर्माण और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को पुल-पुलिया पर पानी आने की स्थिति में बैरियर एवं सूचना पटल लगाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय अगले 15 दिनों में नाले और नालियों की सफाई का कार्य पूर्ण कर लें, ताकि जल-जमाव नहीं हो। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को बड़े बांधों के जल स्तर पर निगाह रखने और बरसात में क्षतिग्रस्त हो सकने वाले बांधों की मरम्मत सुधार के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बस्तियों में आबादी के नजदीक के तालाबों को भी सूचीबद्ध करके रखें। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी 15 जून से 24 घंटे कार्यरत रखने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं।

कलेक्टर ने जिला होमगार्ड और तहसील स्तर पर उपलब्ध बचाव उपकरण एवं संसाधनों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि सभी बचाव उपकरण को चालू हालत में रखे और स्थानीय गोताखोर या तैराको की लिस्ट भी बनाए।

जिला कमांडेंट आईके उपनारे ने बताया कि जिले में बाढ़ से बचाव के पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि वर्षा काल में होमगार्ड की 3 बचाव टीम मुख्यालय में तैनात रहेगी और 10 डीआरसी टीम (चार सदस्यीय) जिले के विभिन्न थानों में तैनात की जाएगी। बाढ़ नियंत्रण, बचाव एवं राहत के लिए 4 लाख 16 हजार रुपये का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। डिप्टी कलेक्टर श्री जादव ने बताया कि जिले में वर्ष 2016 में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई थी। वर्ष 2019-20 में 1085 मिलीमीटर, वर्ष 2020-21 में 902 मिलीमीटर तथा वर्ष 2021-22 में 886 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है।

कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव के लिए सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान आवश्यक है। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं। बाढ़ की स्थिति होने पर राहत शिविर लगाने के स्थान का चयन से लेकर बचाव दल, राहत उपकरण, दवाओं, खाद्य सामग्री की आपूर्ति तथा बिजली, पानी की व्यवस्था से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण करें।

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