
अनूपपुर जिला थाना क्षेत्र के नदियों से रेत का अवैध उत्खनन जारी है
👉 *बिग ब्रेकिंग न्यूज़* 👈
👉 *उमरिया/शहडोल/अनूपपुर समाचार* 👈
👉 *क्षेत्र में जारी है सुनहरी रेत का काला कारोबार, कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं जिम्मेदार* 👈
👉 **रिपोर्टर :- चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ** 👈
👉 *अनूपपुर समाचार -* 👈
थाना क्षेत्र के नदियों से रेत का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है। जिस पर अंकुश लगाने कि जहमत प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अब तक नही कर पाया है। क्षेत्र के मौहरी,भगता, जलसार, बेनीबहरा,बहेराबांध, कोठी,साजाटोला,बेलगांव सहित तमाम नदियों से रेत निकालकर। रेत माफिया प्रतिमाह शासन को लाखों कि राजस्व क्षति पहुंचा रहे है। वहीं मंहगे दामों पर रेत बेचकर खुद मालामाल हो रहे हैं। और इनके इस अवैध कारोबार में प्रशासन के जिम्मेदारों ने मूक-सहमति प्रदान कर रखी है। जिससे इन माफियाओं के हौसले बुलंद है। बताया जाता है कि क्षेत्र के नदियों का ठेका अभी तक नही हुआ है इसके बाद भी रेत ठेकेदार प्रशासन के जिम्मेदारों से सांठ-गांठ कर रेत कारोबारियों से 1000 रूपये प्रति ट्रिप वसूलता है। और जिसने इसके मांगों पर हामी नही भरी उसे कानून का भय दिखाकर खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही कराने कि बात कही जाती है। फर्जी तरीके से टी.पी. के नाम पर खेला जाने वाले इस खेल को प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा समय रहते अगर बंद नही कराया गया तो वह दिन भी दूर नही जब रेत से भरी क्षेत्र कि नदियां नालों मे तब्दील होकर रह जाऐंगी।
👉 *कोतमा में नदियों को किया जा रहा है छल्ली* 👈
कोतमा तहसील में स्थित ग्राम सारंगढ़ में के. जी. डेवलपर्स भोपाल के नाम से संचालन कर रही कंपनी के नुमाइंदे अपना खेल बखूबी निभा और खेल रहे हैं।
दूसरी तरफ यदि इनको रोका जाए या कुछ पूछा जाए तो दबाव बनाए जाने या भ्रष्टाचार ना उजागर करने का कार्य किसी भी तरीके से किया जाता है। बात सच है कि अधिकारी ही भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर सुरक्षा दे रहे हों तो उनके बारे – न्यारे कहां से ना हो।
👉 *भोला बनने की बात* 👈
खनिज विभाग को सूचना प्रदान करने पर वह बड़बोले बनते हुए भोले जैसी हरकत करने लगते हैं जैसे कि उन्हें कुछ पता ही ना हो और झूठा आश्वासन देकर आमजन को और मीडिया कर्मी को गुमराह करने का कार्य बखूबी इनके द्वारा किया जाता है। यदि इनसे गहराई में बात की जाने लगे तो यह अपने अधिकार का गलत फायदा उठाते हुए दबाव बनाते हुए उल्टा सवाल करने वाले को ही उलझा देने जैसा कार्य करते हैं।
👉 *बस नाम का है ठेका* 👈
रेत का ठेका तो बस नाम का ही है काम का तो पूरा काला बाजार है इसे आमजन भी जानते हैं और प्रशासन भी जानता है पर चुप्पी साधे हुए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे सांठ – गांठ किए हुवे आला अधिकारी बोले या काम करें कहां से क्योंकि इनके द्वारा तो स्वयं ही इन अवैध कारोबारियों को अपनी छत्रछाया विरासत के रूप में दी गई है।
👉 *पूरी रात होता है खेल* 👈
सुबह तो ज्यों – त्यों कार्य होते हैं, लेकिन सूरज के ढलने के बाद रात के अंधेरे में यह सौदागर अपना पूरा खेल दिखाते हैं, पूरी रात रेत से भरी गाड़ियां हवा की तरह दौड़ती रहती हैं और पूरी रात इस धरती की जमीन की छलनी करते हुए अपना काला कारोबार चलाते हैं।




