शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कंजिया का औचिक निरीक्षण, बच्चों से सीधा संवाद
जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कंजिया का औचिक निरीक्षण, बच्चों से सीधा संवाद
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)
भरतपुर (जिला एमसीबी)
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मनेन्द्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर (एमसीबी) अंतर्गत भरतपुर विकासखंड की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कंजिया का आज संबंधित जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों द्वारा विस्तृत निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था, मूलभूत सुविधाएं तथा बच्चों की समस्याओं को गंभीरता से परखा गया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया गया
बच्चों ने बताया कि विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई का वातावरण सामान्य रूप से अच्छा है और शिक्षक नियमित रूप से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। हालांकि बच्चों ने यह भी कहा कि अभिभावकों (पालकों) का विद्यालय से जुड़ाव अपेक्षाकृत कम है, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।

इस पर उपस्थित सभी लोगों ने सहमति जताई कि पालकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित किया जाना आवश्यक है, ताकि उनका स्कूल के प्रति लगाव बढ़े और बच्चों की शिक्षा में और अधिक सुधार हो सके।
निरीक्षण के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि शिक्षा विभाग का उद्देश्य सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। विशेष रूप से गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो, इस पर सख्ती से अमल करने की बात कही गई।
शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षक-पालक समन्वय, नियमित बैठकें और बच्चों की शैक्षणिक प्रगति की सतत निगरानी पर जोर दिया गया।

विद्यालय में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा के दौरान बच्चों के लिए बने शौचालय की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता बताई गई।
छोटे-छोटे बच्चों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लापरवाही दूर करने और शीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कराने का आश्वासन दिया गया। साथ ही विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, पेयजल और अन्य सुविधाओं पर भी चर्चा हुई।
इस निरीक्षण में कोरवा लोकसभा अध्यक्ष श्री रमाशंकर मिश्र, जिला पंचायत सदस्य कंजिया कृषि स्थायी समिति सभापति श्रीमती सुखमंती सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने संयुक्त रूप से विद्यालय की शैक्षणिक स्थिति पर विचार-विमर्श किया और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
निरीक्षण के अंत में यह संदेश दिया गया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है,
जब शिक्षक, अभिभावक, शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधि मिलकर समन्वित प्रयास करें।




