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*जिला प्रशासन मोजर बेयर पावर प्लांट पर कार्यवाही में नाकामयाब और किसान भाई बार-बार लगा रहे हैं न्याय की गुहार*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

*जिला प्रशासन मोजर बेयर पावर प्लांट पर कार्यवाही में नाकामयाब और किसान भाई बार-बार लगा रहे हैं न्याय की गुहार*

(पढ़िए अनूपपुर से जिला ब्यूरो चीफ विकास सिंह राठौर की रिपोर्ट)

मामला जिला अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय में अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा और कंपनी प्रबंधन की बातचीत बंद कमरे में हुई, जिस पर क्या चर्चा हुई किसी को भी पता नहीं। एसडीएम विजय डहेरिया जी कुछ घंटों बाद पीड़ित किसानों से मिलते हैं और किसानों की बात सुनकर उन्हें आश्वासन दिया कि 1 महीने में आपकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा,

किसानों ने बार-बार विनती भी कि हमें कलेक्टर सोनिया मीना जी से मिलना है, परंतु अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा ने किसानों से मिलने से बहाना बनाकर मिलने से मना कर दिया लेकिन अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा ने मिलने से मना कर दिया कि मैं ऑनलाइन मीटिंग में व्यस्त हूं, उनकी जगह पर जैतहरी एसडीएम विजय दहिया जी उनको आश्वासन दिया कि आप लोगों की समस्या को 1 महीने के अंदर ही समाधान कर दिया जाएगा।

किसानों का आरोप है कि मोजर बेयर पावर प्लांट ने उनकी भूमि अधिग्रहण करते समय करार किया था कि वह किसानों को पुनर्वास नीति के तहत किसानों को पेंशन और स्थाई नौकरी देने का वादा भी किया था परंतु कंपनी ने वादाखिलाफी का कार्य किया और कर रहा है इस पावर प्लांट के चलते कितने ही आंदोलन हुए हैं पर किसानों के साथ हमेशा से छल और कपट का कार्य चल रहा है किसानों को स्थाई नौकरी देने की जगह ठेकेदार के अंदर नौकरी दिलाने का कार्य किया जा रहा है जहां सैलरी कारखाना अधिनियम के विपरीत दिया जा रहा है एक ऐसी सैलरी जिस पर परिवार वालों का भरण पोषण होना मुश्किल ही है।

8 से 10 साल बीतने को है पर ना प्रबंधन ध्यान दे रहा है और ना राज्य सरकार और ना जिला प्रशासन सब जैतहरी मोजर बेयर पावर प्लांट के आगे सब नतमस्तक होकर खड़े हैं रोना तो किसानों का है अन्य दाताओं का है वह अन्नदाता जिसने अपने खेतों से फसल उत्पादन करके देश को अन्य दिया रोटी दिया क्या सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने के लिए किसान हितैषी बातें करती है जबकि धरातल पर कुछ और ही है देखा जाए तो आज देश के अन्नदाता छल कपट का शिकार होते नजर आ रहे हैं

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