*जाति प्रमाण पत्र के कारण अत्याचार पीड़ित न्याय से वंचित न रहें – कमिश्नर*
शहडोल जिला मध्य प्रदेश

जाति प्रमाण पत्र के कारण अत्याचार पीड़ित न्याय से वंचित न रहें – कमिश्नर
अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के ग्रामीणों को प्राथमिकता के साथ जाति प्रमाण पत्र मुहैया कराएं – कमिश्नर
सामाजिक समरसता और भाईचारा की भावना को प्रगाढ बनाने के प्रयास किये जाएं – कमिश्नर
संवाददाता – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
शहडोल/30 सितम्बर 2021/
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने शहडोल संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि, शहडोल संभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ित जाति प्रमाण – पत्र के अभाव में न्याय से वंचित न रहें। अत्याचार पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल इसके लिए अत्याचार पीड़ितों को तत्काल जाति प्रमाण पत्र मुहैया कराया जाए। कमिश्नर ने निर्देश दिए है कि शहडोल संभाग के दूर दराज के गांव में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोंगों के पास जाति प्रमाण पत्र नही हो सकते है।
कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए है कि दूर दराज के क्षेत्र के लोंगों से यह जानकारी प्राप्त करे कि इनके पास जाति प्रमाण पत्र है अथवा नही है जाति प्रमाण पत्र नही होेने के स्थित में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के ऐसे लोंगो को जाति प्रमाण पत्र प्राथमिकता के साथ बनवाकर मुहैया कराया जाएं। कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए है अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ित जिनके प्रकरण जाति प्रमाण पत्र के अभाव में विवेचना एवं चालान के लिए लंबित है ऐसे सभी प्रकरणों में अत्याचार पीड़ितों को आगामी 15 दिवसों में जाति प्रमाण पत्र मुहैया कराया जाए
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने उक्त निर्देश आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अनुश्रवण समिति की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी कलेक्टरों को दिए। बैठक में उप पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर, कलेक्टर शहडोल वंदना वैद्य, उमरिया संजीव श्रीवास्तव, अनूपपुर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर अखिल पटेल, उपायुक्त राजस्व बी.के. पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त विकास मगन सिंह, ऊषा सिंह एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में कमिश्नर ने कहा कि, शहडोल संभाग में सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाएं, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सामजिक समरसता बढाने के लिए आयोजित जागृति शिविरों को और अधिक बेहतर और प्रभावी बनाया जाए।
कमिश्नर ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितों के प्रकरणों में जांच अधिकारी अति संवेदनशीलता के साथ प्रकरण की जांच करें तथा कानून की मंशा के अनुरूप अपराधी को सजा दिलाएं।
बैठक में उप पुलिस महानिदेशक डी सी.सागर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग पर अत्याचार के प्रकरणों की विवेचना जांच अधिकारी संजीद्गी के साथ करें। उन्होंने कहा कि पुलिस और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय होना चाहिए। बैठक में पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों, न्यायालय में लंबित प्रकरणों, अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता की भी समीक्षा की गई।