*प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे खुलेआम हो रहा है स्वच्छता का अपमान, कलेक्टर कार्यालय समेत जिला पंचायत में लगा गंदगी का अंबार*
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे खुलेआम हो रहा है स्वच्छता का अपमान, कलेक्टर कार्यालय समेत जिला पंचायत में लगा गंदगी का अंबार
जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में लगा गंदगी का अंबार,जिला पंचायत भी नहीं रहा पीछे
स्वच्छता अभियान बद से बदतर कलेक्ट्रेट परिसर बना कचड़े का डंपिंग यार्ड
जिला पंचायत भी एक कदम आगे स्वच्छता अभियान को लगा रहा पलीता
संवाददाता – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को जिला कलेक्ट्रेट के भवन के पीछे कैसे अधिकारी कर्मचारी स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन पर अरबो रुपये खर्च किये गए हैं मगर यहाँ पर ऐसा कुछ भी दिखाई नही दे रहा है
जिला कार्यालय का हाल सफाई व्यवस्था में बद से बदतर दिखाई दे रही है सूत्रों कि माने तो जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा कार्यालय माना जाता है
जहाँ पर मंत्री, सांसद, विधायक,यहाँ पर आते रहते है यहाँ पर कलेक्टर, अपर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत आला अधिकारियों के कार्यालय मौजूद है उसके बाद भी यहाँ का ये हाल है।
जिला कार्यालय का ये हाल
जिला के मुखिया की नाक के नीचे ऐसा कारनामा हो रहा है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ भी कर लो हम सुधरने वाले नही है।
जिला कलेक्ट्रेट के सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारी अधिकारी ये गहरी नींद में सो रहे हैं।
जिला कलेक्ट्रेट के पीछे नागरिक आपूर्ति निगम के कार्यालय के सामने का नजारा ऐसा होगा तो बाकी जगह पता नही क्या होगा ये हम नही बताएंगे लोग खुद ही सब कुछ समझ सकते है।
इस जगह से जिले के सारे आला अधिकारी और कर्मचारी के अलावा नगर के संभ्रांत नागरिक भी गुजरते हैंध
मगर किसी भी अधिकारी को यह कचरा बिलकुल दिखाई नही दे रहा है या कोई देखना ही नही चाह रहे हैं।
इस समय जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय का पार्किंग स्थल यहां की सफाई व्यवस्था देखते हुए ऐसा लगता है कि इसे कचड़े का डंपिंग यार्ड बना दिया गया है।
कार्यालय के अंदर भी गंदगी देखने को आसानी से मिल जा रही हैं।
सफाई कर्मचारी लापता
कलेक्ट्रेट परिसर में साफ सफाई के लिए जो कर्मचारियों की नियुक्ति होगी वो लोग अपना काम सही तरीके से नही कर पा रहे हैं
बस थोड़ा सामने तरफ की सफाई व्यवस्था ठीक करके लापता हो जाते हैं उनको यह मालूम है कि कलेक्ट्रेट परिसर के पीछे कोई देखने वाला नही है
बस ऐसे ही लापरवाही करके पूरे माह की पगार लेकर दिन काट रहे हैं।
सारे सफाई कर्मचारी केवल खास खास जगह पर खानापूर्ति करके अपना कोरम पूरा कर लेते है।
ये लोगो के कारण दुर्दशा
कलेक्ट्रेट भवन के अंदर जो चाय नाश्ते की कैंटीन है सबसे ज्यादा कचड़ा इन्ही लोगो के द्वारा परिसर में फेंका जाता है
कैंटीन में आम जनता, कर्मचारी, अधिकारी चाय नाश्ता के लिए आते हैं
उन सभी लोगो को जो भी सामान दिया जाता है सारे सामान देने के पात्र इस्तेमाल करके फेकने वाले होते हैं
उन सब डिस्पोजल आइटम को वही पीछे पार्किंग के सामने ग्राउंड पर फेंक देते हैं।
इसके अलावा भी जितने भी रिपेरिंग के कार्य परिसर में होते वो लोग रिपेरिंग करने के बाद जो कचरा निकलता है
उसे वही पीछे फेंक दिया जाता हैं। जिससे पानी निकासी वाली नालियां पूरी तरह जाम हो गयी हैं।
जिला पंचायत का हाल बद से बदतर
जिला पंचायत भवन के अंदर का हाल भी देखने लायक है जब हमारी टीम ने यहाँ का निरीक्षण किया तो जिला पंचायत के पीछे वाले गेट के पास जो बाथरूम शौचालय बना है
उसको देखकर तो ऐसा लग रहा है कि यहाँ पर वर्षो से सफाई हुई ही नही है
बाथरूम में चारो तरफ गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है। हाथ धोने वाला पात्र टूटकर नीचे गिरा पड़ा हैयूरिनल में इतनी गंदगी हैं कि वहाँ पर रूमाल लगाकर जाने के बाद भी बदबू से नही बचा जा सकता।
शौचालय में गंदगी की मोटी परत जमी हुई है बाल्टी मग की हालत देखने लायक नही है। सारे जगह का हाल बहुत ही खराब है
पता नही कार्यालय के लोग इसका इस्तेमाल कैसे करते होंगे समझ से परे है। जिला पंचायत सीईओ को पता नही ये सब दिखाई क्यू नही दे रहा है।
जिले के चारो जनपद को बजट देने वाला सफाई के नाम पर आंसू बहा रहा है तो सफाई के मामले में जनपद और ग्राम पंचायतों का क्या हाल होगा।
जिला पंचायत सीईओ को सफाई से कोई लेना देना नही है क्यू कि इनका बाथरूम ही अलग है।
इनका कहना है
मैं पूरे मामले को दिखवा लेता हूँ अगर वहाँ पर गंदगी लोग कर रहे तो उनको रोका जाएगा और साफ सफाई करा दिया जाएगा।
सरोधन सिंह अपर कलेक्टर अनूपपुर
मैं कल ही स्वीपर को बुलवाकर साफ सफाई करवा देता हूँ।
मिलिंद नागदेवे सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर
सोचिए यदि ऐसे मुख्य अधिकारी कचरे में रहते हो वह जनता को क्या स्वच्छ रख सकते हैं इससे अनुमान लगाया जा सकता है