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जनकपुर उपवन मंडल में रजत जयंती वर्ष एवं तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन का भव्य आयोजन

जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

जनकपुर उपवन मंडल में रजत जयंती वर्ष एवं तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन का भव्य आयोजन

(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)

“`{“variant”:”document”,”id”:”58291″,”title”:”तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन एवं रजत जयंती वर्ष विशेष रिपोर्ट”}
उपवन मंडल जनकपुर में रजत जयंती वर्ष एवं तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन का भव्य आयोजन
किसानों व ग्रामीणों को वन उपज, जल संरक्षण और सरकारी योजनाओं की दी दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

छत्तीसगढ़ राज्य, जिला एमसीबी भरतपुर अंतर्गत उपवन मंडल जनकपुर में रजत जयंती वर्ष 2025-26 के उपलक्ष्य में तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय किसान, ग्रामवासी, अधिकारी, कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष श्रीमती चम्पा देवी पावले रहीं। उनके साथ ब्लॉक उपाध्यक्ष हीरालाल मौर्य, स्थानीय प्रतिनिधि तथा वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

जल संरक्षण पर विशेष जोर
सम्मेलन में ग्रामीणों व किसानों को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि जल संकट आने वाले समय में एक गंभीर चुनौती बन सकता है।

मुख्य अतिथि ने बताया कि—
“आज हम पानी का उपयोग तो करते हैं, पर उसकी महत्ता को अक्सर भूल जाते हैं। पानी की एक-एक बूंद बचाना हमारी जिम्मेदारी है। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए जल संरक्षण अनिवार्य है।”

किसानों को वन उपज से होने वाले लाभ पर चर्चा
कार्यक्रम में किसानों को विस्तृत जानकारी दी गई कि जंगल किसानों के लिए आय का एक बड़ा साधन है। वन विभाग अधिकारियों ने बताया कि—
– जंगल से प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियाँ,
– तेंदूपत्ता,
– हर्रा,
– बहेरा,
– आंवला,
– और अन्य कई बानो-उपज
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती हैं।

सरकार की ओर से वन उपज का उचित समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और संग्राहकों को समय पर भुगतान कराने की दिशा में निरंतर कार्य किए जाने की बात भी बताई गई। अतिथियों ने कहा कि बानो-उपज न केवल किसानों की आय बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है।

ग्रामीणों के साथ संवाद और समाधान पर चर्चा
सम्मेलन के दौरान जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच खुला संवाद हुआ।

पानी, खेती, वनाधिकार, रोजगार तथा वन उपज के संरक्षण एवं विपणन को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। लोगों की समस्याओं को सुना गया तथा समाधान के सुझाव दिए गए।

सम्मेलन ने दिया एक सकारात्मक संदेश
कार्यक्रम ने ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने, किसानों को प्रोत्साहित करने और वन उपज के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने में एक प्रभावी भूमिका निभाई।

रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित यह सम्मेलन ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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