*सावधान अगर आप रेत खरीद रहे है,तो रेत की जगह मिट्टी सोने के भाव बेंच रहा के जी डेवलपर्स*
अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

अनूपपुर सावधान अगर आप रेत खरीद रहे है,तो रेत की जगह मिट्टी सोने के भाव बेंच रहा के जी डेवलपर्स
सावधान अगर आप रेत खरीद रहे है,तो रेत की जगह मिट्टी बिक रही सोने के भाव
प्रशासनिक अमला और शासन के कार्यों पर उठ रहे सवालिया निशान
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा गरीबों का सपना कब तक मौन रहेगी सरकार
वरिष्ठ पत्रकार विजय उर्मलिया के साथ संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि कलम से
अनूपपुर – अनूपपुर में खनिज मामले में जिला किस तरह माफियाओं की भेंट चढ़ा हुआ है ये किसी से छिपा हुआ नही है और जिले का राजनैतिक अमला और प्रशासनिक अमला सब चुप्पी साधे हुए है लगातार रेत माफियाओं के खिलाफ खबरों में सबूत प्रकाशित हो रही है पर चंद नोटों की आदत सब कुछ दरकिनार कर माफियाओं को अपने मन माफिक माफिया गिरी करने की खुली छूट दे रखी है,
अनूपपुर में विजय पांडेय के सानिध्य में के जी डेवलपर्स अब तक तो माफिया गिरी करता ही रह है पर अब उसके ऊपर जाते हुए अब लोगों के आशियाने और उनके जीवन से खिलवाड़ करने में उतारू है और रेत की जगह के जी डेवलपर्स आधी मिट्टी,और बजरी सोने के भाव बेंच रहा है और जो लोग अपने आशियाने की आशा में के जी डेवलपर्स से रेत खरीद रहा है तो कृपया सावधान हो जायें ये आप के आशियाने को मौत का आशियाना बनाने का सामना बेंचने का ठेका के जी डेवलपर्स और उसके गुर्गे ले रखे है एक गाड़ी रेत की कीमत सात हजार वसूल करने वाला ये माफिया गिरोह रेत के साथ आधी मिट्टी बेंच रहा है और जिले में मानो इनकी मनमानी रोकने वाला कोई नही है और रही खनिज विभाग की तो पूरे देश मे अगर सबसे खस्ता हालत कहीं की है तो वो अनूपपुर खनिज विभाग की है जहां आप चाहे जितने सबूत के साथ बात रख दो यहां लेकिन साहबान तो पहले से ही अभय दान इन माफियाओं को दे रखी है तो भला इनसे क्या उम्मीद की जा सकती है ,
आप सोचिये जो रेत के जी डवलपर्स लोगों को मुहैया कर रहा है उससे बने आशियाने कितने दिन चलेंगे क्यों कि रेत के साथ आधी मिट्टी सोने के भाव बेंच रहा है ये माफिया गिरोह,बारिश से पहले खनिज विभाग के संरक्षण में पलने वाला ये गिरोह लगातार अवैध उत्खनन कर सुर्खियों में रहा पर खनिज विभाग की मूक सहमति ये बताती रही कि अनूपपुर का हाल अंधेर नगरी चौपट राजा वाली है हालांकि कलेक्टर बदलने के बाद नवागत कलेक्टर सोनिया मीणा से लोगों को एक आश थी जैसा उनके बारे में माफियाओं के लिए सुना गया था पर अब तक उनके द्वारा भी अभी तक कोई ऐसी नकेल जिले में माफियाओं पर नही ठोंकी गई जिससे जिले वासियों को इन माफियाओं की माफियागिरी से निजात मिल सके।
चला वैध से अवैध का खेला
आपको बता दें कि पिछले बीते समय पर सुर्खियों में बने हुए इस महान कंपनी और इनके नुमाइंदों ने वैध खदानों की आड़ में अवैध खनन कर सीमा रेखा से बाहर अपना व्यवसाय चलाने और सोन नदी को छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है क्योंकि कंपनी के आड़ में रेत माफियाओं ने खुला युद्ध करने को तैयार होकर नीचे से ऊपर तक सांठ – गांठ करके राजनीतिक दल से लेकर प्रशासनिक अमला तक अपनी नकल कस रखी थी और यह बात अभी भी प्रतीत हो रही है।
आम नागरिक देख रही है राह
आपको बता दें कि नवागत कलेक्टर सोनिया मीणा के कार्यों को सुनकर अनूपपुर जिले के नागरिकों ने उमंग स्वरूप यह प्रतीक्षा और आस लगाए बैठ राह तक रही है कि इन माफियाओं पर नकल कसते हुए इनको सबक सिखाने और इनको हद में रहने के लिए प्रशासन के कठोर निर्देश और कार्य इनको रोकने में कामयाब होगी पर अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं पता चला आम नागरिकों में काफी रोष है और गरीबों में काफी निराशा है क्योंकि इस बढ़ती महंगाई में भला अपना आशियाना बनाने में कोई कामयाब हो सकता है यदि न्यू तैयार करने वाला रेत ही इतना महंगा खरीदना पड़े तो फिर क्या होगा आप खुद ही समझ सकते हैं।
जिला मुख्यालय के समीप ही चला भ्रष्टाचार
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय मैं सभी पदस्थ अधिकारी और कलेक्टर कार्यालय के बगल में ही खनिज विभाग के समीप रेत खदान में अवैध कार्य जोरों शोरों पर पनप कर संपूर्ण जिले में अपना फैलाव चलाते हुए अपना डंका पीट कर अपना राज्य स्थापित किया पर किसी की कोई न चली और यदि भ्रष्टाचार और अवैध कार्यों को उजागर करने पत्रकारों ने ठानी भी और आम नागरिकों ने आवाज भी उठाया तो दबाव बनाने और आवाज को दबाने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई क्योंकि माफियाओं के ऊपर ब्रह्मदेव के वरदान स्वरुप राजनीतिक दल और प्रशासनिक अमला का हाथ जो रहा शायद इसीलिए खनिज विभाग के अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ते हुए
गलत को भी सही बनाने में पूरी ताकत झोंक कर अपना काम बखूबी कर अपना परचम लहरा कर अभी भी जिले में विद्यमान हैं।
सबको है न्याय कि आस
जिले के नागरिकों में अब इस भ्रष्टाचार को सहने का और देखने का साहस नहीं है इसलिए अब सभी को आस है कि नवागत कलेक्टर और प्रशासनिक अमला क्या करती है अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जीत शासन की और प्रशासन की होगी या फिर भ्रष्टाचार और कालाबाजारी करने वाले नुमाइंदों के हाथों कठ पुतली का खेल चलता रहेगा क्योंकि जब तक सभी अपने ईमान को बेचना नहीं छोड़ेंगे तब तक कार्य पूरा नहीं हो सकता चाहे कोई कुछ भी करें।
जहां एक ओर मोदी सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को लागू कर गरीबी दूर करने और देश को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है वहीं उन्हीं के साम्राज्य में उन्हीं के पार्टी के राजनैतिक दल और कार्यकर्ता और भ्रष्ट अधिकारी उनके सभी कार्यों को पलीता लगा कर आम नागरिकों के जीवन और देश के योजनाओं को अंधकार में ढकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।