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*पुलिस अधीक्षक के निर्देशन अनुसार पुलिस टीम ने किया सत्य का खुलासा दोस्त ही निकला दोस्त का हत्यारा परिजनों का रो रो कर बुरा हाल / पढ़ें पूरी खबर क्या है सच*

कोरिया जिला छत्तीसगढ़

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन अनुसार पुलिस टी ने किया सत्य का खुलासा दोस्त ही निकला दोस्त का हत्यारा

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं पुलिस टीम की एक बड़ी कामयाबी आधी जली  लाश की गुत्थी सुलझी, दोस्त ही निकला हत्या का मास्टरमाइंड, अपहरण कर फिरौती वसूलने की थी साजिश…

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मंगलवार को मिली युवक की अधजली लाश की गुत्थी सुलझ गई है|

पुलिस का दावा है कि मृतक के दोस्त ने ही अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था|

आरोपी मृतक के पिता को रिटायरमेंट पर मिली राशि को झटकना चाहता था| इसलिए युवक के अपहरण की योजना बनाई गई, लेकिन पहचान खुलने के डर से हत्या कर दी गई

पुलिस को मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि सेमरदर्री के पहले सिंगार बहरा के रोड किनारे जंगल में अज्ञात व्यक्ति का अधजला शव पड़ा है|

अज्ञात शव की पहचान के लिए आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पुलिस ने डॉग स्क्वायड एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली।

पुलिस को शव से कुछ दूर तनिष्क कंपनी की पानी की बोतल मिली, जिससे पेट्रोल की बू आ रही थी।

पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि इस कंपनी की पानी बोतल अधिकतर बैकुंठपुर, चिरमिरी और कोल माइंस एरिया में मिलती है।

पुलिस ने मृतक के फ़ोटो को जिले के सरहदी थाने राजनगर, खोंगा पानी, झगराखांड, चिरमिरी थाने में भेजा थाना झगड़ाखांड में एक गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। थाना झगराखंड द्वारा उक्त गुम इंसान के परिजनों को मौके पर भेजा गया।

परिजनों ने शव को पहचान लिया| मृतक की पहचान 34 वर्षीय राघवेंद्र पटेल पिता गणपति पटेल निवासी एकता नगर खोंगापानी थाना झगराखंड जिला कोरिया के रूप में हुई।

मृतक के परिजनों से मृतक का मोबाइल नंबर लेकर पुलिस ने जांच शुरू की कॉल डिटेल एवं टावर लोकेशन का विश्लेषण किया गया।

विश्लेषण के दौरान मोबाइल धारक ऋषि रैदास की लोकेशन पुलिस को संदिग्ध लगी। पुलिस के अनुसार ऋषि रैदास मृतक का अच्छा दोस्त है

और योजना का मास्टर माइंड भी है। थाना झगराखांड के स्टाफ की मदद से ऋषि रैदास को पुलिस निगरानी में लिया गया।

पुलिस टीम ने उससे पूछताछ की, जिसमें उसमे कबूल किया कि अन्य साथियों के साथ उसने घटना को अंजाम दिया है।

दरअसल सभी आरोपियों को पता था कि मृतक के पिता एसईसीएल कर्मी थे| उनका कुछ समय पहले ही रिटायरमेंट हुआ है

औरे उन्हें पीएफ और ग्रेजुएटी की बड़ी रकम मिली है। आरोपियों का प्लान था कि यदि मृतक का अपहरण कर लिया जाए तो फिरौती में बड़ी रकम मिल सकती है|

इस योजना को अंजाम देने के लिए आरोपी काजल मन्ना, रवि श्रीवास और ऋषि दास ने मृतक राघवेंद्र पटेल को काम के बहाने बिलासपुर चलने के लिए कहा और सभी कार में बैठ कर चल दिए। चौथा आरोपी संतोष चौधरी स्कूटी से कार के पीछे आया।

शहर से निकल कर जंगल के रास्ते में सभी ने शराब पी। आरोपियों ने मृतक राघवेंद्र पटेल को जानबूझकर अधिक शराब पिलाई। अधिक शराब पी लेने से वह बेहोश हो गया।

आरोपियों को लगा कि मृतक उनको पहचान चुका है और इसका अपहरण करके छुपाने पर समस्या हो सकती है।

इस डर से बेहोशी की हालत में आरोपी काजल मन्ना और ऋषि चौधरी ने गाड़ी के अंदर गमछे से गला दबाकर राघवेंद्र पटेल की हत्या कर दी।

इसके बाद चारों आरोपियों ने मृतक के शव को गाड़ी से निकालकर गाड़ी की डिक्की में छिपा दिया और आरोपी संतोष चौधरी अपनी स्कूटी से वापस झगड़ाखांड लौट गया।

बाकी तीनों आरोपी शव को डिक्की में छिपाकर पोंडी- खड़गवां के रास्ते जीपीएम जिले के सेमरदर्री क्षेत्र में आए और रात में सुनसान जगह देखकर शव के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाकर वहां से वापस बरौर बेरियर से होते हुए झगराखांड की ओर चले गए।

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