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*इस संकटकाल में अनुपपुर नगर पालिका की दीनदयाल रसोई में लटका ताला गरीबो के निवाला में डाका डालने की गई कोशिश*

जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

इस संकटकाल में अनुपपुर नगर पालिका की दीनदयाल रसोई में लटका ताला गरीबो के निवाला में डाका डालने की कोशिश

अनुपपुर / सदी की सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदा – कोरोना महामारी, जिसने समूचे विश्व को हिला कर रख दिया, कोरोना महामारी ने जन-स्वास्थ्य को तो प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया ही, प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी। एक ओर हर नागरिक को कोरोना से बचाव व उपचार के लिए नि:शुल्क एवं उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा देना तथा दूसरी ओर लॉकडाउन से ध्वस्त व्यापार, व्यवसाय एवं सेवा क्षेत्र को नवजीवन देने का कार्य वही व्यक्ति कर सकता है, जिसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य जनता जनार्दन की सेवा करना हो। इसी परिकल्पना के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों के पेट भरने के लिए प्रदेश में दीनदयाल रसोई का शुभारंभ किया था लेकिन यह रसोई गरीबों की जगह ठेकेदारों के पेट भरने का एक जरिया बन गया एसा ही कुछ अनुपपुर नगर पालिका द्वारा संचालित दीनदयाल रसोई का है जहां पर देखा गया कि पिछले तीन दिनों से ताला लटका हुआ है और आन रिकार्ड वहाँ लोग खाना खा रहे है, इस कोरोना काल मे अनुपपुर जिला मुख्यालय में रहने वाले गरीबो का एक मात्र खाने का सहारा यही रसोई थी जो पिछले तीन दिनों से बंद देखा गया। वही यहाँ के कर्मचारियों ने प्रतिदिन समय मे खुलने का दावा किया है और जब भी हमारी टीम यहाँ गई है तब – तब ताला लटका मिला है।

गरीबो का एक मात्र सहारा

शासन की मंशा अनुरूप इस क्रोना काल में जहां सभी बंद पड़े है लोग रोजगार को तरस रहे है लोगो के पास एक टाइम का खाने की समस्या आ खड़ी हुई है , वही यह रसोई गरीबो का एक मात्र सहारा थी जो कि अब वह भी बंद होने की वजह से लोगो के सामने खाने का संकट आ खड़ा हुआ है ।

मुख्यमंत्री का संकल्प

पहले लाकॅ डाउन होते ही एक बड़ी समस्या थी, मध्यप्रदेश के मजदूरों का देश के कई राज्यों में फँसा होना और अन्य राज्यों के मजदूरों का मध्यप्रदेश में होना। इन सब के खाने, आवास, दवाइयों आदि की व्यवस्था कोई सरल कार्य नहीं था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संकल्प लिया कि हर मजदूर को चाहे वह मध्यप्रदेश का हो अथवा बाहर का, सभी आवश्यक सुविधाएँ दी जाएंगी। रोटी, पानी, आवास से लेकर उनके लिए जूते-चप्पलों तक की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। मजदूर जहाँ फँसे थे, वहीं उनके खातों में सहायता राशि डाली गई। इसके बाद समय मिलते ही विशेष ट्रेन एवं बसों द्वारा सभी मजदूरों को मध्यप्रदेश वापस लाया गया। साथ ही दूसरे प्रांतों के मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा पर छोड़ने के लिए भी हजारों की संख्या में बस लगाई गईं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकल्प था कि ‘मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भूखा नहीं सोएगा तथा कोई भी मजदूर पैदल चलकर अपने घर नहीं जाएगा’। उन्होंने अपने दोनों संकल्पों को शत-प्रतिशत पूरा किया। लेकिन अनुपपुर में तो रसोई का हाल बेहाल है, रविवार को अवकाश के दिनों के अलावा भी यहाँ ताला लटका हुआ था, आमजन ने गरीबी की चिंता करते हुए इसे जल्द प्रारंभ कराने की मांग की है।

इनका कहना है

इसे बंद नही किया गया है मै दिखवाता हूं।

हरिओम वर्मा
मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनूपपुर

इनका कहना है

रसोई प्रतिदिन खुल रही है और इसका हमारे पास डाटा भी है

नीरज पुरोहित
संचालक
दीनदयाल रसोई

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