*जिला सतना कलेक्टर ने कहां संभावनाओं की पहचान कर नवीन क्षेत्रों में सहकारी समितियां बनाई जाए*
सतना जिला मध्यप्रदेश

*जिला सतना कलेक्टर ने कहां संभावनाओं की पहचान कर नवीन क्षेत्रों में सहकारी समितियां बनाई जाए*
(पढ़िए जिला सतना क्राइम ब्यूरो चीफ दीपक तोमर की रिपोर्ट)
जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक एवं कार्यशाला
मध्य प्रदेश जिला सतना में 24 अगस्त 2022 को जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जिले में सहकारी आंदोलन के विकास और विस्तार के लिए विशिष्ट और नए क्षेत्रों, सेक्टरों में संभावनाओं की पहचान कर सहकारी समितियां गठित की जाएं। इसके साथ ही सहकारिता के क्षेत्र में नई समितियों का गठन करने के साथ पुरानी और पूर्व गठित निष्क्रिय समितियों को भी सक्रिय करें, ताकि लोगों को समिति बनाने की प्रेरणा मिले। कलेक्टर श्री वर्मा सहकारी आंदोलन के विस्तार के लिए विशिष्ट क्षेत्रों, सेक्टरों की पहचान की जिला स्तरीय कोर कमेटी की प्रथम बैठक और कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, उप पंजीयक सहकारिता के पाटनकर, उप संचालक कृषि केसी अहिरवार, उपसंचालक पशुपालन डॉ प्रमोद शर्मा, उप संचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाहा, सहकारिता अधिकारी देवराज सिंह, प्रभाकरण, विशेषज्ञ श्री चतुर्वेदी, विश्वनाथ तिवारी भी उपस्थित थे।
जिला स्तरीय कोर कमेटी की बैठक में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में जिले की अकार्यशील सहकारी समितियों को पुनः सक्रिय करें। ग्रामीण विकास और रोजगार के क्षेत्र में स्व-सहायता समूह और कृषकों, रोजगार शिल्पी श्रमिकों को जोड़कर डेयरी, उद्यानिकी, पुष्प खेती, मतस्य पालन एवं कुटीर उद्योग की दिशा में और भी बेहतर कार्य किया जा सकता है। सहकारिता विस्तार अधिकारी देवराज सिंह ने बताया कि सहकारिता के क्षेत्र में जिले में कुल 1050 सहकारी समितियां पंजीकृत हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा और घोषणा के अनुसार पंचायत क्षेत्रों में कृषि प्र-संस्करण, ग्रामीण परिवहन, पर्यटन, खनिज, श्रम सर्विस सेक्टर, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग, सेवा क्षेत्र आदि क्षेत्रों में भी संभावनाएं तलाश कर सहकारिता को बढ़ावा देने जिला स्तरीय कोर कमेटी का गठन किया गया है।
सतना जिले में अब तक नए क्षेत्रों में कुल 92 सहकारी समितियां पंजीकृत हुई है। जिनमें 35 कार्यशील और 57 अकार्यशील हैं। इनमें पर्यटन की 2, ग्रामीण औद्योगिक 17, खनिज 5 और मत्स्य की 68 समितियां पंजीकृत हैं।
जिले में ग्रामीण परिवहन सहकारी समिति, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं सूचना प्रौद्योगिकी समिति, सुरक्षा सहकारी समिति, सेवा क्षेत्र, पर्यटन सहकारी समिति, जैविक कृषि उद्यानिकी पुष्प फल साग सब्जी समिति, औषधि विक्रय एवं चिकित्सा सेवाएं, ग्रामीण औद्योगिक सहकारी समिति, श्रमिक सेवा प्रदाता सहकारी समिति, बहुउद्देशीय आजीविका सहकारी समिति के क्षेत्र में संबंधित विभागों के प्रेरकत्व एवं दिशा-निर्देशन में सहकारी समितियां गठित की जाएंगी। विकासखंड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में सीईओ जनपद पंचायत के सहयोग से कार्यशालाओं का आयोजन कर नए क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं के निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा