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भरतपुर विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्कूलों में शौचालय, भवन मरम्मत मूलभूत सुविधाओं का अभाव

तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

भरतपुर विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्कूलों में शौचालय, भवन मरम्मत मूलभूत सुविधाओं का अभाव

(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला एमसीबी (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। क्षेत्र के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।
गरीब, मजदूर और किसान परिवारों के बच्चों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे अन्याय को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है।

स्कूल भवन जर्जर, शौचालय बंद, बच्चों को झेलनी पड़ रही कठिनाइयाँ

भरतपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कई विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में हैं।

शौचालयों की उचित व्यवस्था नहीं है, कई जगहों पर पानी की समस्या बनी हुई है, और बच्चों को गंदगी भरे वातावरण में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
स्कूलों की मरम्मत और रखरखाव के लिए शासन से बजट जारी होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

आम आदमी पार्टी ने उठाई आवाज — “डबल इंजन की सरकार में भी शिक्षा व्यवस्था लाचार”

आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य एवं किसान रथ यात्रा समिति की सभापति श्रीमती सुखमंती सिंह ने भरतपुर विकासखंड के अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय पतवाही, माध्यमिक विद्यालय पतवाही, प्राथमिक विद्यालय गंजार एवं चांटी हाईस्कूल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि अधिकांश स्कूलों में शिक्षक संख्या कम है, साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है, तथा छात्राओं के लिए शौचालय उपयोग लायक नहीं हैं।

श्रीमती सिंह ने बताया कि –राज्य और केंद्र में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। गरीब और किसान परिवारों के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। यह सरकार शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है और भविष्य की पीढ़ी को अंधकार की ओर धकेल रही है।”

प्रशासनिक लापरवाही पर जताई नाराज़गी

उन्होंने कहा कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव शिक्षा के अधिकार कानून की खुली अवहेलना है।

श्रीमती सिंह ने मांग की है कि संबंधित विभाग तुरंत इन विद्यालयों की मरम्मत, शौचालय निर्माण और शिक्षकों की नियुक्ति जैसी प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करे।

स्थानीय नागरिकों ने भी जताई चिंता

ग्रामवासियों ने बताया कि कई बार अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बच्चे रोजाना कठिन परिस्थितियों में पढ़ने जाते हैं, वहीं बारिश के मौसम में भवनों की छतों से पानी टपकने के कारण कक्षाएं बाधित रहती हैं।

जनता की अपील — “शिक्षा से समझौता नहीं”

गांव के अभिभावकों ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और वे अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

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