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जिला कटनी में जर्जर बिल्डिंग पर अवैध निर्माण का मामला हुआ उजागर

कटनी जिला मध्य प्रदेश

जिला कटनी में जर्जर बिल्डिंग पर अवैध निर्माण का मामला हुआ उजागर

(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)

सिल्वर टॉकीज रोड स्थित भवन पर बिना अनुमति चल रहा गुपचुप काम

नगर निगम कर्मी पर मौखिक अनुमति देने का आरोप, पारदर्शिता पर सवाल

मध्य प्रदेश के जिला कटनी स्थित सिल्वर टॉकीज रोड पर सानू स्वीट्स के सामने मौजूद जर्जर हो चुकी इमारत में अवैध रूप से पुनः निर्माण कार्य किए जाने का मामला सामने आया है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिल्डिंग मालिक द्वारा नगर निगम से किसी भी प्रकार की वैध अनुमति लिए बिना निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बताया गया है कि पूरे स्थल को पीली पन्नी से ढककर काम किया जा रहा है, जिससे यह संदेह और बढ़ जाता है कि निर्माण को छिपाने की कोशिश हो रही है।

स्थानीयों का आरोप—पीली पन्नी के अंदर छिपाकर चल रहा अवैध निर्माण

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लगातार पीली पन्नी की आड़ में भवन में तोड़फोड़ व निर्माण कार्य जारी है।
लोगों का मानना है कि यदि कार्य वैध होता, तो इसे छिपाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

जर्जर भवन होने के कारण बिना अनुमति निर्माण शहर की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है।

नगर निगम कर्मचारी पर गंभीर आरोप

जब भवन मालिक से अनुमति के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने दावा किया कि नगर निगम अतिक्रमण विभाग के कर्मचारी राकेश रजक ने उन्हें मौखिक रूप से निर्माण की अनुमति दे दी है।

मालिक के अनुसार, कर्मचारी ने कहा—
“निर्माण करा लीजिए, बाकी जो होगा हम देख लेंगे।”

यह कथन न केवल निगम की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि विभाग के भीतर संभावित मिलीभगत की तरफ भी इशारा करता है।

नागरिकों में आक्रोश—अवैध निर्माण से बढ़ रही खतरे की आशंका

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना अनुमति के इस प्रकार का निर्माण भविष्य में किसी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।

जर्जर भवन में अनियमित रूप से किया जा रहा निर्माण न केवल सुरक्षा जोखिम बढ़ाता है, बल्कि शहर में अवैध निर्माणों को प्रोत्साहित भी करता है।

निगम की भूमिका पर उठे सवाल

शहरवासियों का कहना है कि अब बड़ा सवाल यह है—

* क्या नगर निगम इस अवैध निर्माण से वास्तव में अनजान है?
* या फिर किसी की मिलीभगत से नियमों को दरकिनार किया जा रहा है?

इन सवालों ने नगर निगम की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

स्थानीयों की मांग—तत्काल जांच और कार्रवाई

नागरिकों ने मांग की है कि नगर निगम मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की तत्काल जांच करे।

यदि निर्माण अवैध पाया जाए, तो संबंधित लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि शहर में ऐसे अवैध निर्माणों पर लगाम लग सके।

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