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पड़ुआ पंचायत में (सरपंच-पति) के खिलाफ फूटा जनता आक्रोश बुजुर्ग ने दी आत्मदाह की चेतावनी

कटनी जिला मध्य प्रदेश

पड़ुआ पंचायत में (सरपंच-पति) के खिलाफ फूटा जनता आक्रोश बुजुर्ग ने दी आत्मदाह की चेतावनी

(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)

शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे एवं निर्माण का आरोप ग्रामीणों में आक्रोश, आत्मदाह की चेतावनी ने प्रशासन की चिंता बढ़ाई

उप-हेडिंग्स

कटनी से 4 किमी दूर पड़ुआ गांव में सरपंच पति पर लगे गंभीर आरोप

सरकारी निधियों के दुरुपयोग, मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण का विरोध तेज

बुजुर्ग महेश यादव का 30 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का ऐलान

ग्रामीण बोले: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महेश यादव के साथ हैं हम सब

एसडीएम ने दी जांच की आश्वासन, आत्मदाह रोकने की अपील

विस्तृत समाचार

मध्य प्रदेश जिला कटनी मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पड़ुआ इन दिनों भारी विवादों में घिरा हुआ है। सरपंच रेखा पटेल के पति राजेश पटेल पर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा, निर्माण, और सरकारी निधियों के दुरुपयोग जैसे मामले शामिल हैं।

बुजुर्ग महेश यादव का बड़ा ऐलान
इन्हीं आरोपों से क्षुब्ध होकर गांव के एक बुजुर्ग महेश यादव ने 30 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास, भोपाल के समक्ष आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि गांव में वर्षों से चल रही अनियमितताओं की लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुके हैं।

मंदिर की भूमि पर कब्जा धर्म और नियम दोनों का उल्लंघन?

गांव के लोगों का आरोप है कि मंदिर की लगभग 6 एकड़ शासकीय भूमि, जिसके कानूनी प्रबंधक स्वयं कलेक्टर होते हैं, उस पर राजेश पटेल द्वारा निजी आवास, दुकानें, खेती और अन्य निर्माण किए गए हैं।

इतना ही नहीं, शासकीय योजनाओं की निधि से बनने वाले सार्वजनिक निर्माण भी मंदिर की जमीन पर ही करवाए जा रहे हैं, जो न केवल नियम विरुद्ध है बल्कि सनातन धर्म की आस्था पर भी कुठाराघात माना जा रहा है।

मछली बाजार निर्माण पर उठा विवाद

(मत्स्य विभाग) की निधि से प्रस्तावित मछली विक्रय केंद्र का निर्माण भी मंदिर परिसर के पास स्थित रंगमंच भवन के बगल में किया जा रहा है। उक्त भवन में (शिवलिंग) स्थापित है, जिससे धार्मिक भावना और आस्था जुड़ी हुई है। ग्रामीण इसे धार्मिक स्थल का अपमान मान रहे हैं और खुले तौर पर विरोध दर्ज करा रहे हैं।

ग्रामीणों की पीड़ा योजनाओं का लाभ नहीं, समस्याओं का अंबार

ग्रामीणों ने सरपंच कार्यकाल के दौरान शासन की योजनाओं का लाभ न मिलने की भी शिकायतें दर्ज कराईं।

एक बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला।

* एक अन्य ने कहा कि उनकी वृद्धावस्था पेंशन कई वर्षों से अटकी हुई है।

* कैंसर पीड़ित एक ग्रामीण, जिसकी बोलने की क्षमता समाप्त हो चुकी है, ने बताया कि इलाज के लिए अपनी कृषि भूमि बेचनी पड़ी, लेकिन आज तक सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली।

इसके अलावा, गांव में जलभराव, नाली निर्माण, साफ-सफाई जैसी मूलभूत समस्याएं भी जस की तस बनी हुई हैं, जिसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

सरपंच पति का पक्ष और प्रशासन की प्रतिक्रिया

राजेश पटेल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर उनकी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए (एसडीएम) प्रदीप मिश्रा ने महेश यादव से मुलाकात कर उन्हें आत्मदाह न करने की अपील की है और मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ग्रामीणों की एकजुटता और प्रशासन के लिए चेतावनी

गांव के सैकड़ों नागरिक अब महेश यादव के समर्थन में उतर आए हैं और यदि प्रशासन ने शीघ्र जांच कर कार्रवाई नहीं की, तो वे सामूहिक आंदोलन और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की चेतावनी दे रहे हैं।

(समाप्ति नोट)

पड़ुआ गांव का यह मामला न केवल एक स्थानीय प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बनता जा रहा है,

बल्कि यह जनतंत्र की उस आवाज़ की भी याद दिलाता है, जो जब बार-बार अनसुनी होती है, तो आत्मदाह जैसी त्रासद चेतावनियों का रूप ले लेती है।

अब देखना होगा कि प्रशासन सजग होकर न्याय सुनिश्चित करता है या यह मामला भी सिस्टम की फाइलों में गुम हो जाएगा।

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