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जिला बना ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025’ का मॉडल सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मिलेगा डेढ़ लाख तक का नगद इलाज

जिला इंदौर मध्य प्रदेश

जिला बना ‘कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025’ का मॉडल सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मिलेगा डेढ़ लाख तक का नगद इलाज

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

मध्य प्रदेश
इंदौर जिला सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल और निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने में अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है।

केंद्र सरकार की *’कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025’* के तहत इंदौर को मॉडल जिला के रूप में चयनित किया गया है।

इस योजना के अंतर्गत अब सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस (नगदी रहित) इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में अस्पताल संचालकों की बैठक आयोजित की गई,

जिसमें आयुष्मान भारत योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।

कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि इंदौर जिले के अधिकांश अस्पतालों ने इस योजना के लिए

पंजीयन करा लिया है, जबकि शेष अस्पतालों को भी शीघ्र पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अस्पताल संचालकों से अनुरोध किया कि वे चिन्हित प्रक्रिया का पालन करें और जिला सड़क सुरक्षा समिति के साथ स

प्रमुख बिंदु

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इंदौर के चिन्हित अस्पतालों में सात दिन तक कैशलेस इलाज मिलेगा।

इस इलाज की अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख होगी।

अन्य अस्पतालों में केवल स्थिरीकरण (Stabilisation) तक इलाज की अनुमति, इसके बाद मरीज को चिन्हित अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।

योजना की निगरानी मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा 215(3) के तहत गठित जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा की जाएगी।

राहवीर योजना भी होगी सहायक
कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम के अतिरिक्त, राज्य शासन द्वारा लागू राहवीर योजना के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति घायल को अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे ₹25,000 का प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

यह योजना सड़क सुरक्षा और नागरिक सहभागिता* को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि राज्य शासन की प्राथमिकता है कि दुर्घटना के प्रत्येक पीड़ित को समय पर समुचित इलाज मिल सके।

यह योजना दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के जीवन की रक्षा में मील का पत्थर साबित होगी।

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