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कुम्हारी पंचायत में (पूर्व-सरपंच) का दस्तावेज गायब जिम्मेदारों ने जताई चोरी की आशंका पंचायत बनी (गहरी-साजिश) का शिकार

तहसील अमरपाटन जिला मैहर मध्य प्रदेश

कुम्हारी पंचायत में (पूर्व-सरपंच) का दस्तावेज गायब जिम्मेदारों ने जताई चोरी की आशंका पंचायत बनी (गहरी-साजिश) का शिकार

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

पंचायत कार्यालय में घुसे अज्ञात चोर, वर्षों पुराने दस्तावेज किए गायब

मैहर की कुम्हारी पंचायत में चोरी से हड़कंप, जिम्मेदारों ने झाड़ी जिम्मेदारी से पल्ला

चाबी से खुला दरवाज़ा, गायब हुए रिकॉर्ड कुम्हारी पंचायत में (गहरी-साजिश) की आशंका

(जानिए पूरा मामला)

कुम्हारी पंचायत में वर्षों पुराने दस्तावेज चोरी, पूर्व सरपंच रुद्र प्रताप सिंह के कार्यकाल का रिकॉर्ड हुआ गायब

मध्य प्रदेश मैहर जिले जनपद पंचायत अमरपाटन अंतर्गत ग्राम पंचायत कुम्हारी में दस्तावेज चोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 21 अप्रैल 2025 को हुई इस चोरी में पंचायत कार्यालय से (पूर्व-सरपंच) रुद्र प्रताप सिंह के कार्यकाल (वित्तीय वर्ष 2010 से 2019) से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी हो गए हैं।

 

सूत्रों के अनुसार चोरी की वारदात रात के समय अंजाम दिया गया हालांकि पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार और आलमारी पर किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं पाई गई है। आशंका है कि चाबी की मदद से भीतर प्रवेश कर दस्तावेजों को हटाया गया।

गायब दस्तावेजों में बिल बुक, भुगतान वाउचर और पंचवर्षीय योजना से जुड़े अहम रिकॉर्ड शामिल हैं।

गौरतलब है कि पंचायत कार्यालय की चाबी चपरासी राजेश पटेल, सचिव बुद्धसेन पाठक और रोजगार सहायक रमेश पटेल के पास रहती है,

जबकि आलमारी की चाबी (वित्तीय-प्रभारी) अनुपमा पांडे के पति उत्तम पांडे के भी पास है।

जब पत्रकारों ने दूसरे दिन पहुंचकर (मुख्य-सचिव) बुद्धसेन पाठक जी से जानकारी लेनी चाही, तो वे स्पष्ट उत्तर देने से बचते रहे और कार्यालय छोड़कर चले गए। उनका बयान था—हम सचिव हैं लेकिन हमें कुछ जानकारी नहीं है, आप अन्य अधिकारियों से पूछें।

यह रवैया न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि प्रशासनिक प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

जब इतने अहम दस्तावेज बिना किसी तोड़फोड़ के गायब हो जाते हैं, और जिम्मेदार अधिकारी जिम्मेदारी लेने से इंकार करते हैं, तो यह किसी गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।

इस संबंध में जब ग्राम पंचायत (सरपंच-प्रमिला पटेल) के प्रतिनिधि शंकर दयाल पटेल से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने भी सीधे तौर पर कोई बयान देने से परहेज़ किया और दोष एक-दूसरे पर मढ़ते नजर आए।

(जनता की मांग)

स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इस चोरी की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

यदि प्रशासन इस मामले को हल्के में लेता है, तो यह पूरे सरकारी तंत्र की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करेगा।

अब देखना यह है कि अमरपाटन प्रशासन ऐसे लापरवाह पंचायत के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगा या फिर ऐसे ही कागजों पर दम तोड़ देगा मामला

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