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किसानों को हुआ आसान (आधुनिक-यंत्रों) की मदद से (बीस-मिनट) में हो सकती है एक एकड़ (खेत) की पराली साफ.

जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

किसानों को हुआ आसान (आधुनिक-यंत्रों) की मदद से (बीस-मिनट) में हो सकती है एक एकड़ (खेत) की पराली साफ.

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

बढ़ेगी भूमि की उर्वरा शक्ति, फसल लागत में आयेगी कमी.

मध्य प्रदेश जिला जबलपुर में किसानों के लिए मददगार साबित पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर तो बढ़ता ही है, इसके जलाने से खेतों की उपजाऊ क्षमता भी प्रभावित होती है।

बीते सालों में हुए शोधों के अनुसार पराली जलाने से जमीन से नाईट्रोजन, सल्फर एवं अन्य पोषक तत्वों में कमी आती है।

इस वजह से फसल के लिए बेहतर माने जाने वाले मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं और फसल में विभिन्न प्रकार की नई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं।
जिले के उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम ने यह जानकारी देते हुये बताया कि किसान यदि कृषि यंत्रों से पराली प्रबंधन करते हैं तो यह खेतों की उर्वरा क्षमता बढ़ाने में बेहद मददगार हो सकता है।

डॉ निगम के मुताबिक किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर या जीरो ट्रिल सीड ड्रिल का उपयोग कर पराली वाले खेत में सीधे गेहूं एवं अन्य फसलों की बोनी कर सकते हैं।

ऐसी स्थिति में खेत की पराली किसानों के लिए जहाँ उर्वरक का काम करती है, वहीं कृषि की लागत में भी कमी आती है। उन्होंने बताया कि बेलखाडू में रिलायंस एनर्जी की यूनिट निर्माणाधीन है।

इस यूनिट द्वारा अभी तक किसानों से धान या गेंहू कि बची हुयी लगभग एक हजार एकड़ की पराली को बंडल बनाकर प्लांट में एनर्जी के लिए उपयोग किया जा चुका है ।

ग्राम उड़ना सड़क के कृषक दिनेश पटेल के खेत में रिलायंस एनर्जी द्वारा मशीनों से पराली के तैयार किये जा रहे बंडलों के दौरान मौजूद रहीं अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी बताया कि इसके माध्यम से किसान बिना कुछ खर्च किये ही

अपने खेत को पूरा साफ करा सकते हैं और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाया जा सकता है।

डॉ त्रिपाठी के मुताबिक ग्राम उड़ना के किसान दिनेश पटेल के खेत के धान की हार्वेस्टर से कटाई के बाद रिलायंस कंपनी के एजेंट ने उनसे संपर्क किया

रीपर से पराली को काटकर बंडल बनाये तथा कंपनी के ही ट्रेक्टर ट्रॉली से लेकर भी गये। उन्होंने बताया कि इसके लिये कंपनी द्वारा किसान से कोई शुल्क नहीं लिया गया।

मशीनों से लगभग 20 मिनिट में ही एक एकड़ से पराली साफ की जा सकती है तथा बिना समय गंवाये बोनी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बिना नरवाई जलाये दूसरी फसल लेने पर लगभग 2 से 3 क्विंटल उत्पादन ज्यादा होता है।

मिट्टी की उर्वरा शक्ति और लाभदायक कीट सुरक्षित रहने के साथ-साथ पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त रहेगा।

अनुविभागीय कृषि अधिकारी ने किसानों से पराली न जलाने की अपील करते हुये

रिलायंस एनर्जी के प्रतिनिधि से सौरभ बर्मन से मोबाइल नम्बर 74705 12118 संपर्क करने तथा आधुनिक यंत्रों से अपने खेत से पराली को साफ कराने का आग्रह किया है।

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