जिला कलेक्टर एवं एसपी ने त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचकर नवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं का लिया जायजा
जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर एवं एसपी ने त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचकर नवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं का लिया जायजा
(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)
मध्य प्रदेश जिला जबलपुर कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने आज पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य प्रताप सिंह के साथ तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचकर नवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
ज्ञात हो कि कलेक्टर श्री सक्सेना को मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी,
जिसे देखने एवं दुरूस्त करने उन्होंने मंदिर परिसर का दौरा किया। श्री सक्सेना ने मंदिर के पुजारियों व व्यवस्थापकों से चर्चा कर नवरात्रि पर्व के मद्देनजर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह असुविधा न हो।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर परिसर में लगे टाइल्स की धुलाई होने अथवा बारिश होने पर फिसलन बढ़ जाती है और इस वजह से श्रद्धालुओं के गिरनें की घटना सामने आती हैं।
मंदिर परिसर में बने निर्माणों में कहीं-कहीं छत का प्लास्टर उखड़ने की जानकारी भी कलेक्टर को दी गई।
जिस पर कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि मंदिर परिसर में जहां छोटी-मोटी मरम्मत की जरूरत है उसे शीघ्र कर लिया जाये। उन्होंने मंदिर परिसर में पुराने के स्थान पर नए टाईल्स लगाने के निर्देश भी दिये।
इस दौरान कलेक्टर व एसपी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर पार्किंग आदि व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
मंदिर परिसर में लगायें एक पेड़ मां के नाम
त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर के भ्रमण के बाद कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य प्रताप सिंह ने यहां जामुन के पौधे रोपे।
इस अवसर पर दोनों अधिकारियों ने उपस्थित जनों से एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधे रोपने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना योगदान देंने की अपील की।
तेवर एक ऐतिहासिक स्थल है
इस दौरान एएसआई के अधिकारियों ने बताया कि तेवर में मंदिर के आस-पास विभिन्न उत्खननों में मध्य पाषाण कालीन, मौर्य, शुंग, सातवाहन, कुषाण, गुप्त और कलचुरी आदि राजवंशों के अवशेष प्राप्त हुए।
इस पुरास्थल का प्रथम उत्खनन सागर विश्वविद्यालय ने सन 1952 ईस्वी में हथियागढ़ (तेवर) टीले की खुदाई की थी।
सन 1965-70 ईस्वी के दौरान म.प्र. पुरातत्व विभाग के संयुक्त सहयोग से एम.एस. बड़ौदा विश्वविद्यालय, डेक्कन कॉलेज, पुणे और सागर विश्व विद्यालय ने यहाँ उत्खनन किया।
इस स्थल का अगला उत्खनन सन 1966-67 ईस्वी में किया गया।
हाल में सन 2020-21 ईस्वी में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण जबलपुर मण्डल ने उत्खनन का कार्य कराया गया।
इन सभी उत्खननों में लघुपाषाण उपकरण, चित्रित लाल मृदभाण्ड कच्ची एवं पक्की ईटों के भवन मिट्टी के बर्तन, वलय-कूप व विहार के अवशेष, पकी मिटटी की वस्तुएँ, पाषाण तथा धातु की बनी दैनिक उपयोग की वस्तुओं के अतिरिक्त इस क्षेत्र में शासन करने वाले वंशो के सिक्के भी प्राप्त हुए।
यहाँ पर स्थित त्रिपुर सुंदरी माता एक सिद्ध स्थल है।