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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को जारी किया सम्‍मन / पढ़िए क्या है सच

भारत सरकार नई दिल्ली

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को जारी किया सम्‍मन / पढ़िए क्या है सच

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ की सच्ची खबरें)

(सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय)

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को सम्‍मन जारी किया

प्रविष्टि तिथि: 27 DEC 2023

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को सम्‍मन जारी करते हुए कहा है कि दिनांक 16.01.2024 को 11.00 बजे माननीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष मुख्‍य सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार वैयक्तिक रूप से उपस्थिति अपेक्षित और अनिवार्य है ।

पश्चिम बंगाल में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दो भागों (कैटेगरी – ए और कैटेगरी – बी) में विभाजित किया गया है

कैटेगरी – ए में More Backward जातियां शामिल हैं जिसमें कुल 81 जातियां हैं, जिसमें से 73 जातियां मुस्लिम हैं

कैटेगरी – बी में Backward जातियां शामिल हैं जिसमें कुल 98 जातियां हैं, जिसमें से 45 जातियां मुस्लिम हैं । More Backward (कैटेगरी – ए) और Backward (कैटेगरी – बी) को मिलाकर कुल 179 जातियां हैं जिसमें से 118 जातियां मुस्लिम हैं । दिनांक 25.03.2013 की तिथि से पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के More Backward (कैटेगरी – ए ) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया और Backward (कैटेगरी – बी )के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया ।

पश्चिम बंगाल राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का कुल आरक्षण का प्रतिशत 45 प्रतिशत है

जिसमें से अनुसूचित जाति को 22 प्रतिशत, अनुसूचित जनाति को 6 प्रतिशत और ओबीसी को 17 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है ।

मण्‍डल मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ध्‍यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिनांक 21.03.2023 को अनुशंसा की थी कि ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है,

अतएव ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत किया जाय । दिनांक 14.04.2023 को पिछड़ा वर्ग कल्‍याण, पश्चिम बंगाल सरकार ने आयोग को अपने लिखित उत्‍तर में बताया है कि राज्‍य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है ।

वर्ष 2011 से पहले और वर्ष 2011 के बाद पिछड़े वर्ग की राज्य सूची में शामिल जातियों का ब्यौरा

कुल पिछड़ी जातियों की संख्या

मुस्लिम जातियों की संख्या

हिन्दू जातियों की संख्या

वर्ष 2011 से पूर्व

108

53

55

वर्ष 2011 के बाद

71

65

6

कुल

179

118

61

दिनांक 23.11.2023 को सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अवगत कराया है कि आज की स्थिति के अनुसार अति पिछड़ी (कैटेगरी – ए ) के लिए 3049220 ओ.बी.सी. प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं

पिछड़ी (कैटेगरी – बी) के लिए 3121038 ओ.बी.सी. प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं ।

दिनांक 23.11.2023 को सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अवगत कराया है कि सिविल सेवा के पदों पर नियुक्‍त किये गये और उच्‍च शिक्षा में प्रवेश प्राप्‍त ओ.बी.सी. उम्‍मीदवारों की जातिवार सूची उपलब्‍ध नहीं है। दिनांक 23.11.2023 को सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अवगत कराया है

पश्चिम बंगाल के ओबीसी की राज्‍य सूची में शामिल उन जा‍तियों की सूची अभी उपलब्‍ध नहीं है जोकि पहले हिन्दू थी एवं बाद में मुस्लिम बनी हैं ।

ज‍बकि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पाया है कि पश्चिम बंगाल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की कई सलाहों में उल्लेख है कि बहुत सी हिन्दू जातियां जिन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाया हैं

पश्चिम बंगाल राज्‍य के मुख्‍य सचिव आजतक यह साबित नहीं कर सके कि कितने हिन्‍दू धर्म के लोगो ने मुस्लिम धर्म अपनाकर पिछड़े वर्ग का लाभ ले रहे हैं ।

पश्चिम बंगाल की राज्‍य सूची में शामिल कुल 179 पिछड़े वर्ग की जातियों में से 118 पिछड़े वर्ग की मुस्लिम जातियां हैं ।

आयोग को ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल मे मूल हिन्‍दू एवं अन्‍य पिछड़ा वर्ग जातियों का संवैधानिक अधिकार छिना गया जिसे राज्‍य सरकार ने अनदेखी किया है तथा जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है ।

पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव न तो उपरोक्‍त जानकारी दे रहे और न ही आयोग के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं । इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है ।

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