श्री राम हृदय दास जी महाराज जी ने कहा हमारी सांस्कृतिक विरासत वसुधैव कुटुंबकम की है
सतना जिला मध्य प्रदेश

श्री राम हृदय दास जी महाराज जी ने कहा हमारी सांस्कृतिक विरासत वसुधैव कुटुंबकम की है
(पढ़िए जिला सतना ब्यूरो चीफ आशीष गुप्ता की रिपोर्ट)
स्नेह यात्रा के छठवें दिवस मैहर एवं उचेहरा के वंचित ग्रामों में भ्रमण
मध्य प्रदेश जिला सतना में 21 अगस्त 2023/स्नेह जीव जगत की सर्वोत्तम निधि है इस निधि का प्रभाव है कि हम और आप आपस में इस स्नेह से एक दूसरे से जुडें। हमने सम्पूर्ण विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम के माध्यम से सभी जीव जन्तुओं सहित सम्पूर्ण मानव समाज को कुटुम्ब के रूप में देखा। यह दृष्टि हमारी सनातनी, सांस्कृतिक चेतना और परम्परा का महत्व पूर्ण हिस्साा है कि जो हम सभी के अंदर ब्रह्म को देखने की क्षमता रखती है। जिसने सदियों से हमारा भारतीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण एवं सभ्यता को आगे बढाया है।
हमारी सांस्कृतिक विरासत हमें विश्व की गौरवमयी सभ्यता के रूप में सम्पूर्ण विश्व का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान करती है। यह बातें चित्रकूट धाम के पूज्यनीय संत श्री रामहृदय दास जी महाराज ने अपने सम्बोधन में कही। मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश के सभी जिलों में चल रही स्नेह यात्रा के अंतर्गत जिला सतना में 16 अगस्त से 26 अगस्त तक स्नेेह यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिले में रामपुर बाघेलान, अमरपाटन, रामनगर के ग्रामों में यात्रा का आयोजन किया जा चुका है।
स्नेह यात्रा का आज छठवां दिन प्रथम सत्र में मैहर विकासखण्ड के संत रविदास आश्रम से प्रारंभ होकर प्रथम सत्र में क्रमशः पिपराकला, ओइला, जीतनगर, कल्यााणपुर के वंचित समुदायों की बस्तियों में पूज्यनीय श्री रामहृदय दास जी महाराज द्वारा घर-घर जाकर भेदभाव से परे सभी को प्रसाद वितरण किया। उन्होंने लोगों को कलावा बांधकर दीर्घायु एवं स्वस्थ रहने की कामना करते हुए समरसता भोज एवं सत्संग के माध्यण्म से समाज की मूलधारा से जोडने का कार्य किया। यात्रा में चित्रकूट धाम के पूज्य संत श्री कृष्ण जी महाराज मानस कोकिल जानकीकुण्ड चित्रकूट, पूज्य संत श्री नारायण दासजी महाराज मंचासीन रहे।
यात्रा के द्वितीय सत्र में यात्रा उचेहरा विकासखण्ड में प्रवेश कर क्रमशः कोरवारा, देवीनगर, धमनहाई, ककरहा (रगला), एवं चौथहा नरहठी में जनसंवाद एवं रात्रि समरसता भोज का आयोजन किया गया। आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में पूज्या संतों ने कहा कि यह स्नेह यात्रा हम सब के बीच स्नेह उत्पन्न करने की यात्रा है।
सनातन काल से ही हमारे सभी धर्म सम्प्रदाय जाति वर्गों में सदैव से ही आपसी सदभाव एवं स्नेह रहा है। यह विरासत हमें सदियों से जोडे रखने में और एक सशक्त समाज के निर्माण में सहायक रही है। संतों के आव्हान पर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा यह स्नेह यात्रा संतों का आदेश मानकर प्रारंभ की गई। इस बात के लिए हम अध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण जनता में भगवान देखने वाले एवं स्व्यं को जनता का पुजारी कहने वाले मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हॅू।
कि उन्होंने हमें यह पुनीत अवसर प्रदान किया कि हम संत प्रदेश के जन-जन से मिल सके एवं उनसे मिलकर समाज में व्याप्त विषमताओं को दूर कर सके। पूज्य संत समाज को आव्हान करते हुए कहा कि हम सभी अपने परिवार, गॉव, प्रदेश एवं देश में गर्व करें हम सब मानवता की रक्षा करें। यात्रा के निर्धारित रूट चार्ट के अनुसार जगह-जगह पर यात्रा का कलश पुष्पवर्षा के माध्यम से स्वागत किया गया एवं स्थानीय महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाकर संतो को अपने गांव से अगले गांव की ओर विदा किया गया।
*आदिवासी ग्राम में संत ने वाहन रूकवाकर परिवार और बच्चों से की स्नेह भेंट*
ग्राम नकतरा में स्नेह यात्रा के दौरान आदिवासी महिला रामदुलारी को अपने बच्चों के साथ घर के बाहर अभिवादन करते देखा तो अपना वाहन रोक कर सियाबाई के हाथों माला पहन कर आतिथ्य स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि उनकी मंगल कामना के साथ उन्हें प्रसाद देकर अगले संवाद की ओर विदा हुए। सियाबाई अचानक संत को अपने घर के द्वार में पाकर भाव विभोर हो गई और कहा आप मेरे बच्चों को आशीर्वाद देकर जाइए की वो खूब पढ़ाई कर बड़ा आदमी बन जायें।
*आज स्नेह यात्रा का यहां भ्रमण होगा*
अगले दिवस के प्रथम सत्र में करहीकला, पोंडीगरादा, पिपरीकला, देवार एवं लोहरौरा में दोपहर भोज एवं जन संवाद का कार्यक्रम एवं द्वितीय सत्र में पतौरा, पिथौराबाद होते हुए नागौद विकासखण्ड के पतवारा, कचलोहा में रात्रि भोज एवं जन संवाद एवं नागौद में सांस्कृतिक का आयोजन किया गया है।