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*गली मोहल्ले से लेकर प्रदेश और पड़ोसी राज्य में मसहूर बिजुरी नपा के अधिकारी और किस्से*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

गली मोहल्ले से लेकर प्रदेश और पड़ोसी राज्य में मसहूर बिजुरी नपा के अधिकारी और किस्से

फर्जी मामले के आरोपों से घिरी नपा बिजुरी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोरी, कहीं इनका भ्रष्टाचार के साथ चोली दामन का नाता तो नहीं ?

रिपोर्टर – संपादक के साथ संभागीय ब्यूरो चीफ

अनूपपुर/बिजुरी

शासन के अधिकृत पोर्टल जेम के माध्यम से करोड़ों रुपए के फर्जी घोटाला एवं नगर पालिका अध्यक्ष बिजुरी के फर्जी हस्ताक्षर के आरोपों से घिरी मुख्य नगरपालिका अधिकारी बिजुरी के कारनामों की गूंज इन दिनों नगर के गली गलियारों से लेकर जिला संभाग व प्रदेश सहित पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ तक सुनाई देती है। वहीं एक पत्र भी इन दिनों सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जो नगर भर में सुर्खियां भी बटोर रहा है। दरअसल यह पत्र संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल से 3 जनवरी 2022 को जिला कलेक्टर मण्डला के लिये जारी हुआ था। जिसमें जिला अंतर्गत नगर पालिका परिषद निवास कि तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी पर नियम विरुद्ध कार्य करने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिये कहा गया है। आरोप है की मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी द्वारा वहां भी नगरपालिका अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से सामग्री क्रय कर भारी भ्रष्टाचार किया गया था। जिसकी शिकायत नगर पालिका परिषद निवास के अध्यक्ष एवं पार्षदों द्वारा नगरीय प्रशासन विभाग में किया गया था। सूत्र बताते हैं कि शिकायत के बाद विभाग द्वारा जांच समिती गठित करते हुये आईएएस प्रोविशलन अग्रिम, जिला पंचायत मंडला के लेखा अधिकारी दिलीप मरकाम, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण मंडला आर.के. कुरैती को जांच का जिम्मा सौंपा गया था।

सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी अनुसार उक्त जांच के दौरान जांचकर्ताओं ने पाया की मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी द्वारा अपनी अधिकारिता से ऊपर वित्तीय शक्तियों का उपयोग करते हुए अध्यक्ष नगर परिषद निवास के बगैर हस्ताक्षर स्वीकृती प्राप्त किए सामग्रियों का क्रय किया गया है। जो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 कि धारा 92 एवं 97 तथा म.प्र. न.पा. लेखा एवं वित्तीय सेवा नियम 2018 व म.प्र. प्रेसिडेंट इन काउंसिल के कामकाज से संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियों एवं कर्तव्य नियम 1998 में विनिर्दिष्ट नियमों के विपरीत है। जिसमें संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकाश भोपाल द्वारा कलेक्टर जिला मंडला को म.प्र. न.पा. सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 अध्याय उप नियम 31 के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर कार्यवाही करते हये 01 सप्ताह में जवाब भेजने के लिये कहा गया था।

विवादों से ही अपनी छवि को बरकरार रखती हैं मुख्य नपा अधिकारी

नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा जिला कलेक्टर मण्डला को पूर्व में जारी पत्र एवं नगरपालिका बिजुरी कि वर्तमान यथास्थिती देखकर प्रतीत होता है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी भृष्टाचार का पर्याय बन चुकी हैं। और जिस निकाय में भी इनकी पदस्थापना होती है वहां इनके द्वारा भृष्टाचार कर, ना सिर्फ उस निकाय कि राशियों को दीमक की तरह चट कर जाती हैं। बल्की उस क्षेत्र के विकाश को पूरी तरह से बाधित कर स्वयं को चर्चाओं में शुमार भी कर लेती हैं। मुमकिन है इनकी कार्यशैली किसी भी प्रकार से एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर बिल्कुल दिखाई नही पड़ता। और कारनामें हमेशा नियम विरुध्द कर्तव्य परायणता के प्रति ही समर्पित भाव को उत्पन्न करती है।

बिजुरी को भी आदिवासी अंचल मानकर मनमानी पर हो गयी थी अमादा

बिजुरी कोयलांचल नगरी होने के साथ-साथ आदीवासी बाहुल्य क्षेत्र भी है, जिस कारण से यहां के स्थानीय निकाय में आदिवासी पुरूष सीट इस पंचवर्षीय आरक्षित रहा। जिसमें भाजपा से शिक्षित, युवा प्रत्यासी पुरूषोत्तम सिंह को नगर कि जनता ने दिल खोलकर अपना आशिर्वाद दिया। और लोगों का आशिर्वाद पाकर पुरूषोत्तम सिंह ने भारी अंतर से स्थानीय निकाय का चुनाव भी जीत लिया। तबसे नगरपालिका बिजुरी किसी ना किसी तरह से विवादों में अक्सर घिरा ही रहा। लेकिन नगरपालिका बिजुरी में मीना कोरी के पदस्थापना पश्चात से बिजुरी क्षेत्र एकाएक सुर्खियों में शुमार होने लगा। वजह था क्षेत्र को आदिवासी अंचल व लोगों को कम पढा़-लिखा मानकर मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा क्षेत्र के विकास को पूरी तरह से बाधित कर भ्रष्टाचार करना प्रारंभ कर दिया गया था। यहां भी जब इनके द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार चर्मोत्कर्ष तक पहुंचने लगा, तो इनकी नजर में कम पढ़े-लिखे क्षेत्र के इन्ही लोगों ने जनप्रतिनिधियों से मिलकर अनशन, आंदोलन करना प्रारंभ कर दिया। साथ ही जिला कलेक्टर अनूपपुर, सहित नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग एवं सम्भागायुक्त शहडोल तक शिकायत कर मुख्य नगरपालिका अधिकारी बिजुरी द्वारा किये गये भृष्टाचार के कारनामों कि जांच एवं कार्यवाही का मांग भी किया गया। उन शिकायतों को प्रशासन कितना अमल में लाया जायेगा। यह आगामी समय में ही पता चल पायेगा।

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