*विरोध में कोयले का खनन एवं परिवहन 2 दिनों तक पूरी तरह रहा अवरुद्ध*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

विरोध में कोयले का खनन एवं परिवहन 2 दिनों तक पूरी तरह रहा अवरुद्ध
रिपोर्टर – चंद्रभान सिंह राठौर
अनूपपुर/बिजुरी
केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के परिणाम स्वरूप कोयलांचल हसदेव क्षेत्र के बहेरा बांध खदान मे दिनांक 28 मार्च 2022 को चारों श्रम संगठनों के आहवान के कारण बहेरा बांध खदान में भी कोयले का खनन एवं परिवहन कार्य पूर्ण रूपेण बंद रहा यहां तक की बेहरा बांध भूमिगत खदानों में जेएम एस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा लगाई गई कोल खनन मशीन का भी उत्पादन पूरी तरह से बंद रहा इससे यह परिलक्षित होता है कि बहेरा बांध कालरी में चारों श्रम संगठनों के संयुक्त मोर्चा के प्रयास से श्रमिक कामगारों ने अपनी जबरदस्त एकता का परिचय देते हुए उत्पादन कार्य को पूरी तरह से ठप कर दिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी से यह अवगत हो सका है की आज दिनांक से तीन दिवस पूर्व चारों श्रम संगठनों के क्षेत्रीय पदाधिकारियों के द्वारा बहेरा बांध कालरी में ली गई गेट मीटिंग में जिसमें क्रमशः कन्हैया सिंह( एटक) इसरार अहमद सिद्दीकी महामंत्री (एच एम एस) हसदेव क्षेत्र ,देवेंद्र निराला (सीटू) बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं बेहरा बांध इकाई से जय गोपाल शर्मा और देखना( सीटू) नरेश प्रताप सिंह (एटक) जीवन लाल राठौर अध्यक्ष( एचएमएस) नरेश ठाकुर सचिव (एच एम एस) नरेंद्र सिंह राणा (कार्यवाहक अध्यक्ष एचएमएस बहेरा बांध इकाई) जितेंद्र पांडे (जेसीसी) बहेरा बांध इकाई शिवपूजन सिंह ,अशोक दीवान एवं सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कामगार बंधुओं के द्वारा बहेरा बांध के प्रबंधन के तानाशाही के विरुद्ध आवाज बुलंद किया था।इसी तारतम में कामरेड- विजय सिंह के उद्बोधन में दिनांक 28 एवं 29 मार्च 2022 को प्रस्तावित हड़ताल को सफल करने के लिए कामगारों से अपील की गई किसके फल स्वरूप आज दिवस को कामगारों ने बहरा बांध खदान का उत्पादन पूर्ण रूप से बंद कर अपनी विशाल एकता का प्रदर्शन केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत क्रिया किया अब देखना यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा इनके मांगो मे क्या कार्यवाही की जाती है।