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*ग्राम पंचायतों की चल रही खबरों को क्यों नजर अंदाज कर रहा है जिला का प्रशासन और भ्रष्टाचारियों के हौसले को कर रहा है बुलंद/तो जानिए क्या है कड़वा सच*

तहसील मैहर जिला सतना मध्य प्रदेश

*ग्राम पंचायतों की चल रही खबरों को नजर अंदाज कर रहा है जिला प्रशासन और भ्रष्टाचारियों के हौसले को कर रहा है बुलंद/क्या है कारण जानिए सच*

जी हाँ मध्य प्रदेश सतना जिला तहसील मैहर के अंतर्गत ग्राम पंचायत रिगरा एवं जरुआ नरवार जैसे कई ग्राम पंचायतों खबरें चलाई गई और प्रमाणित होने के बावजूद भी भ्रष्टाचारि पर  क्यों नहीं हो रही हैं कार्यवाही

(आइए जानना चाहते तो क्या है कड़वा सच)

जनता उच्च अधिकारियों के सामने शिकायत कर करके हो गई परेशान

तो क्या दबंग और पैसे वालों का ही है बोलबाला गरीब जनता का कहीं नहीं है अधिकार

क्या प्रशासनिक अधिकारी और राजनीति के नेता एकजुट हो चुके हैं

इसलिए गरीबों की नहीं हो रही सुनवाई और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही

लेकिन नेताओं को भी इस बात को समझने की सख्त जरूरत है यदि आज उजाला है तो कल अंधेरा भी हो सकता है

जिस तरह की जनता परेशानियों का सामना कर रही है हो सकता है कि आने वाले समय में जनता के सामने भी ऐसे राजनीतिक नेताओं को भी परेशान होना पड़ेगा

क्योंकि जनता अशिक्षित नहीं है और यह जान चुकी है कि यदि प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करना तो चाहते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अधिकारियों के बीच में हस्तक्षेप करने का प्रयास करते हैं

और भ्रष्टाचारियों के हौसले को बुलंद करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं

लेकिन जनता तो जनता है कितने दिन तक चलेगा यह सतना जिला में भ्रष्टाचारियों का खेल आज नहीं तो कल इन्हें सही रास्ते में लौटना ही पड़ेगा

क्योंकि जनता सब जान चुकी है क्या है सच क्या है झूठ

(क्योंकि)

ऐसे यूरिया डीएपी खाद की कालाबाजारी को लेकर प्रमाणित खबर चलाई गई थी और गरीब जनता काफी उम्मीदें लेकर तहसील एवं जिला प्रशासन एवं राजनीतिक नेता रखी थी लेकिन भ्रष्टाचारियों को साथ देते हुए प्रशासनिक अधिकारी एवं नेता नजर आए थे

और ग्राम पंचायतों की खबर पर जनता चीख चीख कर चिल्ला रही है भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लेकिन ना ही कोई राजनीतिक नेता और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी गरीबों की मदद करने मदद करने में आगे नहीं आया है

और गरीब जनता दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर है

इसका मतलब क्या कारण हो सकता है की भ्रष्टाचारी उन्हीं के सहमति से चल रहे हैं
और जनता ज्यादा से ज्यादा क्या करेगी चीखेगी चिल्लाएगी

चौथे स्तंभ को बोलने की आजादी है वह बोलता रहेगा हमें क्या है तो सही बात है पत्रकार का काम है सच्चाई और बुराई की उजागर करना है तो हम अपना काम कर रहे है

लेकिन जनता को प्रशासनिक अधिकारी एवं राजनीतिक नेताओं पर क्या असर भी पड़ रहा है यह तो आप समझ ही सकते हैं

लेकिन कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसा प्रतीत हो रहा है की कुर्सी में बैठकर इंसाफ तो हमें करना है लेकिन वह यह भूल रहे हैं कि जो कुर्सी हमें दी गई है बैठने के लिए वह जनता को न्याय के लिए दी गई है जिस दिन जनता चाहेगी उस दिन कुर्सी छोड़कर प्रशासनिक अधिकारियों को भागना पड़ेगा तब भागने के लिए जमीन भी हिंदुस्तान की कम पड़ जाएगी

क्योंकि जनता तो जनता है ऐसे कई वार जनता लड़ाई कर चुकी है बताने की जरूरत नहीं है इसलिए सावधान हो जाए प्रशासनिक अधिकारी और भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देना छोड़ दे

इस तरह का खेल सतना जिला में चल रहा है मतलब कहा जाए तो सीधा सीधा राजनीति का गढ़ बन चुका है सतना जिला

और जनता को इस राजनीति गढ़ को निकालने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा क्योंकि जनता इतनी भी अनजान नहीं है इतना जानकार हो चुकी है कि हमारी फरियाद प्रशासनिक अधिकारियों के सामने क्यों नहीं की जा रही सुनवाई क्योंकि

( गोलमाल है भाई सब गोलमाल है)

*पढ़ें पूरी खबर मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे के साथ सतना क्राइम ब्यूरो चीफ मुरलीधर द्विवेदी की रिपोर्ट*

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