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*बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर उड़ाये पिता के लाखों रुपये मृत एसईसीएल कर्मचारी के खाते से हो रहा था पैसा गायब*

जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर उड़ाये पिता के लाखों रुपये

 

मृत एसईसीएल कर्मचारी के खाते से हो रहा था पैसा गायब

 

बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर रचा था पूरा खेल

 

बेटे की शिकायत पर हुआ मामले का खुलासा

 

संपादकीय

 

कोरिया/जिले के चिरमिरी थाना अंतर्गत मृत एसईसीएल कर्मचारी के खाते से गायब हुए लाखों रुपयों के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है।पूरे मामले की मास्टरमाइंड कोई और नही बल्कि मृत एसईसीएल कर्मचारी की बेटी ही थी जिसे उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार

11 जून 2021 को मृत एसईसीएल कर्मचारी का बेटा प्रार्थी संजय दास पिता स्व.जगत दास उम्र 26 साल निवासी गेल्हापानी कोरिया चौकी में एक लिखित शिकायत पत्र पेश किया कि प्रार्थी के पिता स्वर्गीय जगत दास के सेंट्रल बैंक के खाता से प्रार्थी की जानकारी के बगैर लगभग 4 लाख 50 हजार किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा आहरित किया गया है।

प्रार्थी के आवेदन पर थाना चिरमिरी में अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण दर्ज कर अज्ञात आरोपी को पकड़ने हेतु पुलिस अधीक्षक कोरिया संतोष कुमार सिंह के निर्देशन पर एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें थाना चिरमिरी, पुलिस चौकी कोरिया एवं साइबर सेल की टीम द्वारा उक्त मामले की पतासाजी की जाने लगी।

काफी गहन अध्ययन करने के बाद साइबर सेल के द्वारा फर्जी ट्रांजैक्शन के सभी बिंदुओं को बारीकी से विश्लेषण किए जाने पर पाया गया कि ऑनलाइन ट्रांसेक्शन पेटीएम एप के माध्यम से दिनांक 30 जनवरी 2021 से 4 जून 2021 के मध्य 419800 रुपये भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर कर एटीएम के माध्यम से अंबिकापुर में निकाला गया है। अपराध की विवेचना के दौरान गठित विशेष टीम को अंबिकापुर रवाना किया गया। विशेष टीम द्वारा आरोपी के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर आरोपियों को तलब कर पूछताछ किया गया।

पूछताछ में पता चला की मृत एसईसीएल कर्मचारी की पुत्री महिला आरोपी शीला दास द्वारा अपने स्वर्गीय पिता जगत दास के उपरोक्त खाता से पेटीएम के माध्यम से अपने प्रेमी सूरज सिंह के साथ मिलकर आरोपी सूरज के भारतीय स्टेट बैंक के खाता में ट्रांसफर कर एटीएम से निकाल कर खर्च करना स्वीकार किया। आरोपी सूरज के द्वारा उक्त धोखाधड़ी के पैसे से 3 नग मोबाइल हैंडसेट, एक नग सोने की अंगूठी, 1 सेकंड हैंड यामाहा R15 मोटरसाइकिल को खरीदने एवं अपनी गिरवी रखी हुई टाटा माझा कार को छुड़ाने तथा शेष नगद पैसे से अपना कर्जा चुकाने में खर्च करना पाया गया। आरोपियों के कब्जे से 03 नग मोबाइल हैंडसेट, एक नग पेटीएम कार्ड 1 नग एटीएम कार्ड, एक नग सोने की अंगूठी, 01 सेकंड हैंड यामाहा R15 मोटरसाइकिल, एक टाटा माज़ा कार कुल 350000 रुपये का जप्त किया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया।

पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त अपराध और साइबर क्राइम को दृष्टिगत रखते हुए अपील किया गया है की अपना बैंक एकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि किसी को न बताएं। अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिग ट्रांजिक्शन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसे कि साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न करें। अपना एटीएम का पिन कोड लिख कर नहीं रखें और न हीं किसी को ओटीपी बताएं। फर्जी काॅल से बचें। साथ ही परिवार के सदस्यों खासकर बच्चो को ऐसी जानकारी न दे जिससे वह पैसे को आसानी से ट्रांसेक्शन कर सके, आपकी सावधानी ही आपकी सतर्कता है।

साइबर अपराधी को पकड़ने में निरीक्षक अश्वनी सिंह, सहायक उप निरीक्षक राकेश शर्मा, प्रधान आरक्षक सुनील साहू, आरक्षक रमेश यादव, महिला आर. शुशीला एवं साइबर सेल कोरिया से सुरेंद्र गुप्ता, पुष्कल सिन्हा, प्रिंस राय, अरविंद कॉल का सराहनीय योगदान रहा।

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