*जिले में कोरोना रिटर्नस से हाहाकार, सुनो सरकार प्रशासनिक अमला और मंत्री जी इस जरा इस ओर भी करें गौर*
अनूपपुर जिला मध्य प्रदेश

जिले में कोरोना रिटर्नस से हाहाकार, सुनो सरकार
प्रशासनिक अमला और मंत्री जी इस जरा इस ओर भी करें गौर
स्क्रीनिंग व क्वारंटाइन से प्रशासन ने झाड़ा पल्ला
होम आइसोलेशन में भी चल रहा फर्जीवाड़ा
अनूपपुर। जिले में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है।
रविवार को जिले में 92 मरीज मिले जबकि सोमवार को 68 और शुक्रवार को भी आधा सैकड़ा मरीज मिले। जिले में लगभग आठ लाख की आबादी है जिसमे एक साल में 50315 लोगो के सैंपल लिये गये और लगभग 2665 संक्रमित पाए गए हैं, वही अब तक लगभग 18 से भी ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है। और यह आकड़ा अनूपपुर में दो मृत्यु हाल ही में हुई को लेकर 21 को छू चुका है।
जिले में कलेक्टर के आदेश के बाद भी बाहर से आने वालों को क्वारंटाइन नही किया जा रहा। निर्देश की अनदेखी का परिणाम यह है कि त्योहारों में बाहर से आने वाले लोगों ने खुद को होम क्वारंटाइन करना तो छोड़िए, बल्कि अन्य लोगों से मिल भी रहे और वो अपनी जरूरतों के सारे काम भी कर रहे हैं।
परिणाम कि अब इन्हीं लोगों की वजह से संक्रमण फैल रहा है। संक्रमण बढ़ने के साथ किसी भी तरह की जांच राज्य के प्रवेश द्वार पर नहीं हो रही। जिले में 284 सक्रिय मरीज हैं, लोग घर में आइसोलेट है। वही कुछ लोगो की हालत गंभीर है पर वह शहडोल, जबलपुर में भर्ती है।
आइसोलेट मरीज के नंबरो में गड़बड़ी
भले ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित मरीजों से सुबह-शाम बात कर उनकी स्थिति को जानने की बात कही जा रही हो।
लेकिन जब इस बाबत जानकारी ली गई तो संक्रमित व्यक्ति के नाम के आगे जो मोबाइल नंबर लिखा था। वह यहां पदस्थ चिकित्सक के द्वारा मरीज का नंबर उपलब्ध कराया गया तो वह महीनों से बंद है। अनूपपुर के एक मरीज से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल राजेंद्रग्राम में पाया था।
इस तरह की लापरवाही आई सामने
जिले में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन को ज्यादा गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
किन्तु हालातों के मद्देनजर कोरोना मरीज़ों को लेकर जिम्मेदार ज्यादा गंभीरता दिखाई नहीं पड़ रहे। वह तो केवल मंत्रियों व विधायक को ही शिफ्ट करने को अपना कर्तव्य पालन मानते नज़र आते हैं, वहीं आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाता है। सुखबीर सिंह ने लाख निर्देश दिए हो लेकिन उन निर्देश पर अमल फिलहाल अनूपपुर में तो होता नजर नही आता।
बेड आरक्षित लेकिन मरीज हैं घर में
जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 98 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित हैं। किंतु वर्तमान समय में सभी मरीज अपने-अपने घरों पर आइसोलेट हैं। जिनसे सुबह शाम मोबाइल पर संपर्क कर उनकी हालात की जानकारी ली ली जा रही है और बताया जा रहा है कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है।
ट्रैवल हिस्ट्री व कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से बनाई दूरी
वर्तमान समय में सबसे ज्यादा मरीज़ जिला मुख्यालय में निकल रहे हैं और उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है। वो किससे मिले.? उन्होंने कहाँ सफर किया.? इन सब बातों को लेकर जिला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है, जिसका दुष्परिणाम अब पूरा जिला भुगत रहा है। यहाँ तक कि जिला मुख्यालय में तो कुछ मरीज़ खुलेआम घूम रहे हैं।
इनका कहना है।
आपका कहना सही है कि होम आइसोलेशन में लापरवाही हो रही है। हमारे विभाग द्वारा अपनी जिम्मेदारियों पर भी लापरवाही की जा रही है। जिला कलेक्टर द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, सभी एसडीएम, एडीएम को आदेशित किया गया है। सभी के सहयोग से संभव है कि जिम्मेदारी सत-प्रतिशत पूरी की जा सके।
जिला प्रशासन सुस्त है इसलिए सभी से अपील है कि शासन के दिशा निर्देशों का पालन करें। मृत्यु के कारण की वजह मरीजों का देर से अस्पताल पहुंचना है, इएलिये थोड़ी भी परेशानी महसूस होने पर तत्काल ही हेल्पलाइन सेंटर पर संपर्क करें। जितने केस बढ़ रहे हैं टेस्टिंग उतनी बढ़ाई जा रही है, मिले टारगेट से ज्यादा ट्रेसिंग की जा रही है।
डाॅ.एस.सी.राय
सी.एम.एच.ओ.जिला चिकित्सालय अनूपपुर(म.प्र.)