*पत्रकारों के साथ अभद्रता का एक और आया नया मामला, दबंग ने दिखाई अपनी दबंगई पत्रकारों को मिली जान से मारने की धमकी। थाना उचेहरा में पत्रकारों ने की शिकायत अब देखना यह है कि पुलिस इसमें क्या कार्यवाही करेगी*
तहसील उचेहरा जिला सतना मध्य प्रदेश

*पत्रकारों के साथ अभद्रता का एक और आया नया मामला, दबंग ने दिखाई अपनी दबंगई पत्रकारों को मिली जान से मारने की धमकी। पत्रकारों के द्वारा थाना उचेहरा में की गई शिकायत अब देखना यह है कि उचेहरा पुलिस इस पर क्या कार्यवाही करेगी या नहीं
💥 *जनता की आवाज* 💥
*राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ – हलचल आज की*
*उचेहरा :-* एक बार फिर पत्रकारिता खतरे में, पत्रकारों को मिली जान से मारने की धमकी और किया गया अभद्रता पूर्वक व्यवहार।
मामला उचेहरा अंतर्गत ग्राम पंचायत गोबरांव खुर्द का है जहां राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ की टीम प्लानिंग के साथ ग्राम पंचायत गोबरांव खुर्द का मुआयना करने गई थी।
स्थानीय लोगों की सरपंच के प्रति असंतुष्ट ई एवं 5 साल में किए गए कामों कि ना कामयाबी सुनने के बाद हमारी टीम ने ग्राम पंचायत के सरपंच रेखा दावत से संपर्क कर उनका पक्ष जानने और बाइट लेने के मकसद से उनके घर पहुंची।
तभी घटनास्थल पर एक अज्ञात व्यक्ति जिसका नाम रावेंद्र सिंह पटेल बताया जा रहा है पहुंचा और डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर नेहा शुक्ला तहसील रिपोर्टर संजीव सोनी एवं सहयोगी राजेंद्र साहू के साथ बदतमीजी से पेश आने लगा।
आरोपी के द्वारा टीम के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार कर टीम मेंबर्स को जान से मारने की धमकी देते हुए टीम मेंबर्स के साथ हाथापाई की भी घटना को अंजाम दिया गया।
आरोपी रावेंद्र सिंह पटेल के द्वारा टीम मेंबर्स पर झूठे आरोप भी लगाए गए हैं की हमारे पत्रकारों ने उनसे अवैध रूप से रिश्वत लेने और जबरन वसूली करने की कोशिश की परंतु सभी आरोप झूठे हैं और आरोपी के पास इस बात के कोई भी पुख्ता सबूत नहीं है। जबकि टीम मेंबर्स के पास पुख्ता सबूत उपलब्ध है कि आरोपी रावेंद्र सिंह ने उनके साथ बदतमीजी से व्यवहार किया।
जब पत्रकारों ने उचेहरा थाना में जाकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए तो थाना टीआई द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और केवल यही बोल दिया गया कि आप आवेदन जमा कर दें आगे की कार्यवाही की जाएगी।
परंतु जब पत्रकारों के पास पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं उसके आधार पर पुलिस को कार्यवाही करने में क्या आपत्ति है पुलिस कार्यवाही करने में क्यों आनाकानी कर रही है।
यही कारण है कि सच को उजागर करने वाला पत्रकार ऐसे दबंगों की भेंट चढ़ जाता है और सच्चाई भ्रष्टाचार की कोख में दबकर रह जाती है। यदि पत्रकार पर ऐसा ही दबाव एवं खतरा मंडराता रहेगा तो निष्पक्ष पत्रकारिता का क्या होगा।
यह केवल पत्रकार की या जनता की ही नहीं बल्कि प्रशासन की भी जिम्मेदारी है कि पत्रकार पर मंडरा रहे खतरे एवं पत्रकार के अंदर पनप रहे भाई को प्रशासन दूर कर अस्वास्थ्य करें कि उनके साथ वह उपलब्ध है
परंतु यहां तो सब उल्टा हुआ जा रहा है। पुलिस को पत्रकार का सहयोग देने की बजाय उल्टा उसे दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर किया जा रहा है।
सतना डिस्टिक संवाददाता नेहा शुक्ला की रिपोर्ट लोकेशन बंद कर




