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धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार, किसानों की बढ़ती परेशानी पर उठा बड़ा सवाल

जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार, किसानों की बढ़ती परेशानी पर उठा बड़ा सवाल

(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर (एमसीबी) के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित, गढ़वार-कंजिया में इस वर्ष धान खरीदी व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित नजर आ रही है।

सरकार द्वारा धान खरीदी 15 नवम्बर से प्रारंभ करने का दावा तो किया जा रहा है, परंतु जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है।

खरीदी केंद्र में आवश्यक व्यवस्थाओं का अभाव किसानों की समस्या को दिन-प्रतिदिन बढ़ा रहा है।

केंद्रों में बिजली आपूर्ति की कमी, सीसीटीवी कैमरों के निष्क्रिय होने, तथा प्रभारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसान घंटों लाइन में खड़े रहने को मजबूर हैं। नियमों के अनुसार केंद्रों की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रभारी की होती है, लेकिन धरातल पर व्यवस्था उलटी दिख रही है।

इसके साथ ही इस वर्ष सर्वर की समस्या टोकन काटने में देरी, तथा एग्री-स्टॉक और पंजीयन संबंधी त्रुटियों ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं कि खरीदी केंद्र में न तो उचित व्यवस्था है और न ही कोई अधिकारी समस्याओं के समाधान के लिए मौजूद रहता है।

किसानों का कहना है कि सरकार बार-बार यह दावा करती है कि सभी इंतजाम पूरे कर दिए गए हैं,

लेकिन खरीदी केंद्रों पर न तो बैठने की व्यवस्था है, न पानी, और न ही बुनियादी सुविधाएँ।

इससे स्पष्ट है कि सरकार की योजनाएँ सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गई हैं। गरीब किसानों को सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय रहते व्यवस्थाएँ ठीक नहीं की गईं, तो किसानों की परेशानी और बढ़ सकती है।

शासन को चाहिए कि खरीदी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करे, ताकि किसान सम्मानपूर्वक अपना धान बेच सकें।

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