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भ्रष्टाचार का गढ़ बनी ग्राम पंचायत सगरा: 15 वें वित्त आयोग की राशि पर हुआ खेल

तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार का गढ़ बनी ग्राम पंचायत सगरा: 15 वें वित्त आयोग की राशि पर हुआ खेल

(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला एमसीबी, विकासखंड भरतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सगरा में शासकीय राशि के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। वर्ष 2020 से अब तक 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत मिली राशि का उपयोग ग्रामीण विकास के बजाय अधिकारी–कर्मचारियों और पंचायत पदाधिकारियों की मिलीभगत से गबन में किया गया।

कैसे हुआ दुरुपयोग

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि शासन–प्रशासन में बैठे कर्मचारी, अधिकारी, सरपंच और सचिव आपसी गठजोड़ से सरकारी राशि का आहरण करते रहे। पंचायत के आम सदस्यों और जनता को इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती। प्राप्त राशि का उपयोग पंचायत विकास कार्यों में करने के बजाय बंदरबांट कर लिया गया।

जनता की आवाज दबाने की कोशिश

ग्रामीणों का कहना है कि जब भी वे इस मामले को लेकर आवाज उठाते हैं, तो उनकी बात को अनसुना कर दिया जाता है।

सरकार के उच्च पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने से बचते दिखते हैं।

परिणामस्वरूप, गरीब और जरूरतमंद जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जांच और कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले का भौतिक सत्यापन कराया जाए और दोषी कर्मचारियों, अधिकारियों तथा पंचायत पदाधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।

जनप्रतिनिधियों का मानना है कि जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक इस प्रकार का वित्तीय अनियमितता का खेल जारी रहेगा।

जनभावना का सवाल

यह मामला केवल एक पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

आखिर जनता के टैक्स से प्राप्त धन को यदि इसी तरह से हड़प लिया जाएगा, तो विकास की परिकल्पना कैसे पूरी होगी?

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