जिला जबलपुर में किसान कैलाश यादव ने अपने खेत में की जा रही चिया की खेती का किया निरीक्षण
जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

जिला जबलपुर में किसान कैलाश यादव ने अपने खेत में की जा रही चिया की खेती का किया निरीक्षण
(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)
आत्मा योजना अंतर्गत चिया के लिए नवाचार
मध्य प्रदेश जिला जबलपुर में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारियों ने आज बुधवार को ग्राम मादा के किसान कैलाश यादव द्वारा अपने खेत में की जा रही चिया की खेती का निरीक्षण किया।
उपसंचालक कृषि डॉ. एस के निगम ने बताया कि आत्मा योजना अंतर्गत नवाचार से प्रारंभ चिया की खेती जिले में लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2020 में किसानों द्वारा 5 एकड़ से प्रारंभ चिया अब जिले में लगभग 150 एकड़ में फैल चुकी है। जिले से लगे अन्य जिले के किसानों ने भी ग्राम मादा के किसानों से बीज खरीद कर चिया की खेती करना शुरू कर दिया है।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने बताया की कृषक श्री यादव एफपीओ के माध्यम से चिया की पैकिंग एवं ब्रांडिंग कर अन्य जिलों में भी अपना उत्पाद बेच रहे हैं।
किसान कैलाश यादव के ने बताया चिया की खेती के लिए एक एकड़ में 3 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
चिया का बीज बहुत छोटा एवं हल्का होने के कारण बोवनी करने के लिए रेत या वर्मी कंपोस्ट मिलाकर करनी पड़ती है।
बोवनी करने के तुरंत बाद पाटा चला कर हल्की सिंचाई करना पड़ता है। इसमें किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही में रोग एवं कीट का प्रकोप भी नहीं होता।
चिया के उत्पादन के लिए चार महीने सिंचाई की आवश्यकता होती है और यह 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है। चिया 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त होती है।
किसान कैलाश यादव ने बताया कि गेहूं की फसल लगाने में जहां 28 हजार रुपए प्रति एकड़ शुद्ध आय प्राप्त होती है।
वहीं चिया की खेती से 48 से 50 हजार शुद्ध लाभ प्राप्त होता है साथ ही जिस खेत में चिया की फसल लेते हैं, उसी खेत में आगामी वर्ष में दूसरी फसल में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है एवं कीट बीमारियों का प्रकोप भी कम होता है।
निरीक्षण के दौरान कृषि विस्तार अधिकारी देव आनंद सिंग एवं कृषक विपिन यादव, राधेश्याम कुशवाहा, राजेश यादव, मुन्ना यादव, सूरज कुशवाहा एवं अन्य किसान उपस्थित रहे।