भटगांव पुलिस एक महीने के बाद भी सुसाइड केस में लक्ष्मी को नहीं दे पा रही न्याय आरोपी को बचाते हुए खानापूर्ति के लिए कर रही कार्यवाही
सूरजपुर जिला छत्तीसगढ़

भटगांव पुलिस एक महीने के बाद भी सुसाइड केस में लक्ष्मी को नहीं दे पा रही न्याय आरोपी को बचाते हुए खानापूर्ति के लिए कर रही कार्यवाही
राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की।
(पढ़िए सरगुजा संभागीय ब्यूरो चीफ सुरेश कुमार साहू की खास खबर)
लोकेशन, जरही भटगांव जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़,,,,,,,,
जिला सुरजपुर के नगर पंचायत जरही के ऊर्जा नगर एसईसीएल कॉलोनी अंतर्गत आज से ठीक 25 दिन पहले अज्ञात अज्ञात कारणों से लक्ष्मी सिंह ने आत्महत्या कर ली थी जिस मामले को भटगांव पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया था जो जांच आज तक जांच का विषय ही बना हुआ है
जहां मानो भटगांव पुलिस ने एक महीना में सिर्फ एक सेंसिटिव केश दर्ज कर महारथ हासिल कर ली हो जिसमें लगभग 25 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो आज तक कोई गिरफ्तारी हुई और ना ही कोई अन्य कार्यवाही जहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की सेंसिटिव केश दर्ज कर क्या भटगांव पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है ?
दो छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों पर भी क्या नहीं आ रही है स्थानीय पुलिस को तरस
मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मी सिंह पति अवधेश प्रताप सिंह निवासी नगर पंचायत जरही ने एसईसीएल के श्रमिक कॉलोनी ऊर्जा नगर के क्वार्टर में फांसी लगाने से पहले अपने दोनों छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों को कुछ पैसा देकर बाहर कुछ खा कर आने को कह आत्महत्या कर ली थी।
मृतिका के भाई ने लगाए थे प्रताड़ना का आरोप वही पति का था किसी अन्य महिला से नाजायज संबंध
मृतक महिला के मायके पक्ष के द्वारा कई लोगों पर लगाया गया था गंभीर आरोप लगाया जहा मृतक महिला को प्रताड़ित किया जाता था वहीं मृतका के पति का एक अन्य महिला के साथ संबंध था जिसके कारण महिला पीड़ित थी मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतका ने आत्महत्या करने से पहले माइके पक्ष को वाट्सअप के माध्यम से सुसाइड नोट का फ़ोटो के साथ पचास से अधिक फोटो भी भेजा था।
वाट्सअप नोट के माध्यम कड़ी कार्रवाई का किया गया था।
पीड़िता के भाई द्वारा बताया गया था की परिजनों सुसाइड नोट में मृतका ने अपने मौत का कारण और जिम्मेदार देवरानी और पति के साथ नाजायज संबंध में रहने वाली महिला को बताया था
जिनपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही का मांग मृतिका ने किया था और एक पेज पर लिख कर बताया गया था की ये दोनों मेरे मौत का जिम्मेदार है इन दोनों को किसी भी हालत में न छोड़ा न जाए।।
जांच के नाम पर हो रही है खानापूर्ति क्या आरोपियों को बचाने में लगी पुलिस
आत्महत्या करने के पूर्व महिला के द्वारा बच्चों को बाहर भेजा जाता है
एक सुसाइड नोट व्हाट्सएप के माध्यम से मायके भेजा जाता है जिस पर तमाम प्रकार के आरोप लगाए जाते हैं
जिन सभी कारणों को पुलिस एकत्रित करके जांच के लिए लेती है जो जांच आज 25 दिनों बाद भी जांच तक ही सीमित रही जहां सिर्फ एक ही कार्य स्थानीय पुलिस भटगांव अब तक कर पाई जो सेंसिटिव केश दर्ज कर सकी बाकी ना तो आज तक कोई गिरफ्तारी हुई न हीं कोई अन्य प्रकार की कार्यवाही हुई जहां पुलिस सिर्फ खाना पूर्ति करने में लगी हुई है।
आखिर किन कारणों से स्थानीय पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं ?, क्या भटगांव पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है
क्या पीड़ित महिला को न्याय मिल पायेगा ?, क्या मासूम बच्चों के सर से मां का साया क्यों उजड़ा उसका जवाब मिल पायेगा
ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्या इन सवालों का जवाब स्थानीय पुलिस भटगांव दे पाएगी।