श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
कटनी जिला मध्य प्रदेश

*श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया*
(पढ़िए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की रिपोर्ट)
मध्य प्रदेश जिला कटनी में श्री गहोई समाज कटनी के तत्वाधान में श्री गहोई जागृति समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के छठवें दिवस कथावाचक डॉ रजनीश शास्त्री ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है।
उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह आदि प्रसंगों का वर्णन किया।
भारी संख्या में भक्तगण दर्शन हेतु शामिल हुये कथा के दौरान डॉ शास्त्री ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया।
बड़े धूमधाम से निकाली गई बारात जिसमें श्री गहोई वैश्य विकास मंडल,श्री गहोई वैश्य पंच परिषद, कटनी श्री गहोई वैश्य पंचायती सत्संग भवन ट्रस्ट कमेटी, श्री गहोई वैश्य वरिष्ठ संघ, श्री गहोई वैश्य नवयुवक मंडल, श्री गहोई वैश्य महिला समिति, श्री गहोई वैश्य महिला रामायण समिति, श्री गहोई मनन संस्था, श्री गहोई एकता मंडल, श्री गहोई वनिता समिति, श्री गहोई उन्नति संस्था, श्री झुड़ेले ट्रस्ट, सकल गहोई वैश्य समाज संस्थाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा।
भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। भागवत कथा स्थल पर रूक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। डॉ शास्त्री ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के