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*अमरपाटन तहसीलदार की मेहरबानी से बाबुओं के हौसले बुलंद आवेदकों के नहीं लिए जाते आवेदन जब शिक्षक ना हो अच्छा तो बच्चों को कैसे मिल सकती है शिक्षा*

तहसील अमरपाटन जिला सतना मध्य प्रदेश

*अमरपाटन तहसीलदार की मेहरबानी से बाबुओं के हौसले बुलंद आवेदकों के नहीं लिए जाते आवेदन जब शिक्षक ना हो अच्छा तो बच्चों को कैसे मिल सकती है शिक्षा*

(पढ़िए जिला सतना ब्यूरो चीफ आशीष गुप्ता की रिपोर्ट)

मध्य प्रदेश जिला सतना के अंतर्गत तहसील अमरपाटन के तहसीली में कई वर्षों से पदस्थ बाबूओ के द्वारा गरीब जनता किया जाता गुमराह

जब गरीब जनता अपनी समस्याओं को लेकर जब पहुंचते हैं तो बाबू के द्वारा जनता को परेशान किया जाता है और गुमराह करते-करते गरीब जनता इतनी परेशान हो जाती है गरीब जनता रिश्वत देने का खुद प्रयास करने लगती है यदि जिसके पास मोटी रकम नहीं है यदि किसी गरीब के पास पैसा नहीं है बाबूओ के द्वारा कहा जाता यह मेरा काम नहीं है आप उस बाबू के पास जाओ वो बाबू दुसरे बाबू तक इस कमरे से उस कमरे तक ऐसे भटकाते रहते हैं लोगों को और एक आवेदन देने वाला गरीब दौड़ते रहता हैं


(ठीक इसी तरह)

आज अमरपाटन तहसील के पत्रकार अपनी समस्या को लेकर आवेदन देने गया तो तहसील के बाबू के द्वारा उस पत्रकार से अभद्रता से बात करने लगे और कहने लगे कि मैं आपका कोई आवेदन नहीं लूंगा तभी उस पत्रकार के द्वारा यह बताया गया कि मैं यहां का एक नागरिक हूं और मेरे साथ गलत हो रहा है और मैं आवेदन देने पहुंचा हूं और आप आवेदन क्यों नहीं लेंगे तभी उस पत्रकार को एक घंटा दौड़ाने के बाद जब पत्रकार मानव अधिकार के संस्था वालो से फोन पर बात करवाया तब बाबुओं ने आवेदन लिया

फिर इसी बात को लेकर पत्रकार ने अमरपाटन में पदस्थ तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा को दूरभाष में बात करना चाहा लेकिन पांच से छह बार फोन लगाने के बाद भी तहसीलदार फोन उठाने में असमर्थ रहे और मैसेज का जवाब देना भी उचित नहीं समझें आप स्वयं देखिए जब मुखिया ही
इतनी बड़ी लापरवाही और अनदेखा करे तो बाबू कर्मचारी का हौसला बुलंद क्यों ना रहे और इसी तरह जनता परेशान होते हुए नजर आ रही है

जब आज जानकार पत्रकार के साथ ऐसा होता हो तो अनजान गरीब व्यक्ति के साथ क्यों नहीं हो सकता और यह सच्चाई है इसी तरह गरीब जनता तहसीलों की चक्कर करती रहती है और बाबू गोल गोल घुमा कर गुमराह करते रहते हैं इससे यह प्रतीत होता है की सबसे बड़ा भ्रष्टाचार तो अमरपाटन तहसील में ही हो रहा है

सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे भ्रष्टाचार कर्मचारियों के ऊपर कौन ऐसा मेहरबान है कि जो कई सालों से कुर्सी तोड़ते हुए और अमरपाटन क्षेत्र में जनता का खून चूसते हुए अजगर की तरह जमकर बैठे हैं
आज तक ऐसे कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया क्या यह उच्च अधिकारियों पर जनता से मोटी रकम कमाकर वहां तक पहुंचाने का काम करते हैं अब देखना यह है कि इस खबर पर जिला शासन प्रशासन ऐसे लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं

जब पत्रकार के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो गरीब जनता के क्यों नहीं यदि उच्च अधिकारी ऐसे लापरवाह पर कार्यवाही नहीं किए तो यह माना जाएगा कि मोटी रकम इन छोटे कर्मचारियों के माध्यम से उपर तक पहुंचाया जाता है

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